तेलंगाना: तेलंगाना सरकार ने 32 एडिशनल कलेक्टर को दीं ₹30-₹30 लाख की लग्ज़री कार; हो रही आलोचना

तेलंगाना - तेलंगाना सरकार ने 32 एडिशनल कलेक्टर को दीं ₹30-₹30 लाख की लग्ज़री कार; हो रही आलोचना
| Updated on: 15-Jun-2021 07:16 AM IST
हैदराबाद: तेलंगाना सरकार अपने अधिकारियों को खास सुविधा देने की वजह से विवादों में आ गई है. दरअसल सरकार ने प्रदेश के 32 एडिशनल कलेक्टरों के लिए नई लग्जरी कारें खरीदी हैं. विपक्ष का आरोप है कि इन 32 कारों को खरीदने के लिए सरकार ने तकरीबन 11 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. कोरोना काल में इस तरह के शाहखर्ची को देखकर विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने हल्ला मचा दिया है.

25 लाख की कार से चलेंगे एडिशनल कलेक्टर

जैसे ही किया (KIA) कंपनी की 32 लग्जरी कारें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) के आवास प्रगति भवन पहुंचीं, विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने तगड़ा विरोध जताना शुरू कर दिया.  ख़बरों के मुताबिक़, हर एक की कीमत 25 लाख रुपए के आसपास. ये कारें जिले में तैनात एडिशनल कलेक्टरों के लिए खरीदी गई हैं.

इस कदम का विरोध जताते हुए बीजेपी के प्रवक्ता के कृष्ण सागर राव ने इसे ‘सरकारी खजाने की आपराधिक लूट करार’ दे दिया. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सीएम यह सब ब्यूरोक्रेसी को खुश करने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा,

“चीफ मिनिस्टर केसीआर कैसे एडिशनल कलेक्टरों के लिए 32 लग्जरी गाड़ियों पर 11 करोड़ रुपए के खर्चे को जायज ठहरा सकते हैं? कोरोना संकट के बीच यह कदम सोच से परे है. राज्य के वित्त मंत्री हरीश राव ने हाल ही में बताया है कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से राजस्व में भारी कमी आई है. ऐसे नाजुक हालात में कोरोड़ो रुपए के लग्जरी वाहन खरीदने की इज़ाजत देने का क्या तुक है?”

उन्होंने सुझाव दिया कि लग्जरी कारों को खरीदने में खर्च किए गए पैसों से हॉस्पिटल में बेड बढ़ाने और गरीबों का मुफ्त इलाज कराने जैसे काम किए जा सकते थे. उन्होंने इस फैसले को फौरन वापस लेने की मांग भी कर डाली. बीजेपी के अलावा विपक्षी तेलंगाना कांग्रेस ने भी सरकार के इस कदम को ‘गैर जिम्मेदाराना खर्चे की ऊंचाई’ बता दिया. कांग्रेस के प्रवक्ता श्रवण दसोजू ने कहा,

“टीआरएस सरकार और सीएम केसीआर आम जनता के पैसों को संभालने में पूरी तरह से गैरजिम्मेदार हैं. इस तरह से केसीआर पहले से ही 4 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में फंसे तेलंगाना को और कर्ज में फंसा रहे हैं. उस पर भी जब प्रदेश कोरोना संकट के चलते वित्तीय संकट से गुजर रहा है, ऐसे में केसीआर 32 लग्जरी कारें खरीदने का दुस्साहस कैसे कर सकते हैं. जिन डिप्टी कलेक्टरों को कार दी रही है उनके पास पहले से कार है. वह भी अच्छी कंडिशन में है. इन कारों को खरीदने का क्या मतलब है. वह इन कारों के जरिए कलेक्टरों को लुभाना चाहते हैं जिससे वह उनके कुशासन पर मूकदर्शक बने रहें. हमें लगता है कि केसीआर सरकार की कार कंपनी और डीलर के साथ साठगांठ है “

उन्होंने कहा कि सीएम को ध्यान रखना चाहिए कि पैसा उनका नहीं है बल्कि वह सिर्फ जनता के पैसे के संरक्षक हैं. खबर लिखे जाने तक सरकार की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आया था.

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