IND vs SA: टेम्बा बावुमा ने बुमराह के 'बौना' वाले बयान पर तोड़ी चुप्पी, कहा - आप नहीं भूलते क्या बोला गया था
IND vs SA - टेम्बा बावुमा ने बुमराह के 'बौना' वाले बयान पर तोड़ी चुप्पी, कहा - आप नहीं भूलते क्या बोला गया था
हाल ही में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच समाप्त हुई क्रिकेट श्रृंखला ने मैदान पर रोमांचक मुकाबले और कुछ विवादित क्षणों दोनों को जन्म दिया। इस दौरे में 2 मैचों की टेस्ट सीरीज, 3 मैचों की वनडे सीरीज और 5 मैचों की टी20 सीरीज शामिल थी। जहां दक्षिण अफ्रीका ने टेम्बा बावुमा की कप्तानी में टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया, वहीं वनडे सीरीज में उन्हें 2-1 से हार का सामना करना पड़ा, और टी20 सीरीज भी अफ्रीकी टीम 3-1 से हार गई। इस दौरान, दोनों टीमों के खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ की ओर से कुछ ऐसी टिप्पणियां सामने आईं, जिन्होंने क्रिकेट जगत में काफी सुर्खियां बटोरीं। इन्हीं में से एक टिप्पणी भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने दक्षिण अफ्रीकी कप्तान टेम्बा बावुमा को लेकर की थी, जिस पर अब बावुमा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
टेम्बा बावुमा ने तोड़ी चुप्पी
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने अब पहली बार उस घटना पर खुलकर। बात की है, जब भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने उन्हें 'बौना' कहा था। बावुमा ने ईएसपीएन क्रिकइंफो के अपने कॉलम में इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी बातें आसानी से भूली नहीं जातीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मैदान पर कही गई बातें अक्सर खिलाड़ियों के। मन में रह जाती हैं और उन्हें प्रेरणा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बयान उस समय आया है जब श्रृंखला समाप्त हो चुकी है और दोनों टीमों के खिलाड़ी अपने अगले। असाइनमेंट की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन मैदान पर हुई घटनाओं की गूंज अभी भी सुनाई दे रही है।बुमराह का 'बौना' वाला बयान
यह घटना भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली गई 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले के दौरान हुई थी, जो कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला गया था और मैच के दौरान, जसप्रीत बुमराह ने अपनी गेंदबाजी में टेम्बा बावुमा के खिलाफ एक एलबीडब्ल्यू (लेग बिफोर विकेट) अपील की थी। अपील के दौरान, बुमराह को स्टंप माइक पर बावुमा को 'बौना' कहते हुए साफ सुना गया। यह टिप्पणी तुरंत ही चर्चा का विषय बन गई और सोशल मीडिया पर भी इसकी काफी बात हुई। उस समय, बावुमा ने इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी थी, जिससे यह मामला और भी रहस्यमय बन गया था।मैदान पर हुई घटना और माफी
बावुमा ने अपने कॉलम में बताया कि उन्हें पता था कि मैदान पर उनके खिलाफ कुछ कहा गया था, लेकिन उन्हें उस समय सटीक शब्दों की जानकारी नहीं थी। उन्होंने लिखा कि दिन का खेल खत्म होने के बाद, भारतीय टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह खुद उनके पास आए और इस घटना के लिए माफी मांगी। बावुमा ने कहा कि जब दोनों ने उनसे माफी मांगी, तब भी। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी नहीं थी कि क्या कहा गया था। बाद में, उन्होंने अपने मीडिया मैनेजर से बात की और तब उन्हें पूरी घटना के बारे में पता चला। यह दर्शाता है कि मैदान पर तनावपूर्ण क्षणों में खिलाड़ी अक्सर पूरी तरह से वाकिफ नहीं होते कि उनके आसपास क्या हो रहा है।प्रेरणा के रूप में इस्तेमाल
अपनी प्रतिक्रिया में, बावुमा ने एक महत्वपूर्ण बात कही कि मैदान पर जो होता है, उसे वहीं छोड़ देना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि आप यह नहीं भूल पाते कि आपसे क्या कहा गया था। बावुमा के अनुसार, खिलाड़ी ऐसी टिप्पणियों को अपने लिए एक प्रेरणा के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं और यह दर्शाता है कि पेशेवर खिलाड़ी अक्सर आलोचना या नकारात्मक टिप्पणियों को अपनी खेल भावना को मजबूत करने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए एक आंतरिक प्रेरणा के रूप में देखते हैं। यह मानसिकता उन्हें दबाव में भी शांत रहने और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है।कोच शुकरी कॉनराड का विवादित बयान
इस श्रृंखला के दौरान केवल खिलाड़ियों के बीच ही नहीं,। बल्कि कोचिंग स्टाफ की ओर से भी विवादित टिप्पणियां सामने आईं। दक्षिण अफ्रीकी टीम के कोच शुकरी कॉनराड ने गुवाहाटी टेस्ट मैच के दौरान टीम इंडिया को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसके लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। बावुमा ने अपने कॉलम में अपने हेड कोच के इस बयान का भी जिक्र किया और उन्होंने लिखा कि जब उन्होंने पहली बार कॉनराड के बयान को सुना, तो उन्हें भी अच्छा नहीं लगा। हालांकि, इस घटना ने उन्हें याद दिलाया कि यह टेस्ट सीरीज कितनी कठिन और प्रतिस्पर्धी थी। शुकरी कॉनराड ने बाद में वनडे सीरीज के दौरान अपने इस बयान को लेकर बात की और इस मुद्दे को वहीं खत्म कर दिया। यह दर्शाता है कि टीम के भीतर भी ऐसे बयानों पर चर्चा होती है और उन्हें सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
कुल मिलाकर, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच की यह श्रृंखला न केवल क्रिकेट कौशल का प्रदर्शन थी, बल्कि इसने मैदान पर और बाहर होने वाले मानवीय पहलुओं और भावनाओं को भी उजागर किया। टेम्बा बावुमा की यह टिप्पणी खेल में सम्मान और प्रतिस्पर्धा के बीच की बारीक रेखा को दर्शाती है, जहां खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ कड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन कुछ सीमाएं होती हैं जिन्हें पार नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी घटनाओं से खिलाड़ी और टीमें सीखती हैं, और यह। खेल के नैतिक मूल्यों को बनाए रखने में मदद करता है।