Tesla In India: इंडिया में Tesla की एंट्री तय! पहले नौकरी, अब दिल्ली और मुंबई में खोलेगी शोरूम

Tesla In India - इंडिया में Tesla की एंट्री तय! पहले नौकरी, अब दिल्ली और मुंबई में खोलेगी शोरूम
| Updated on: 19-Feb-2025 06:00 AM IST

Tesla In India: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अमेरिका की यात्रा पर गए थे, तब से ही इस बात की प्रबल संभावना थी कि भारत में टेस्ला के आने का रास्ता साफ हो जाएगा। पीएम मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की मुलाकात के बाद यह स्पष्ट हो गया कि टेस्ला जल्द ही भारतीय बाजार में कदम रखने वाली है।

टेस्ला का हायरिंग प्रोसेस और शोरूम लोकेशन

टेस्ला ने भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए हायरिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। हाल ही में कंपनी ने लिंक्डइन पर 13 पदों के लिए नौकरियों का विज्ञापन निकाला, जिनमें बैक-एंड सपोर्ट, स्टोर मैनेजर और फ्रंट ऑफिस जैसी भूमिकाएँ शामिल हैं।

इसके अलावा, टेस्ला ने अपने शोरूम खोलने के लिए स्थान भी तय कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अमेरिका की स्मार्टफोन दिग्गज एप्पल की रणनीति अपनाते हुए भारत में अपने स्टोर्स खोलने जा रही है। शुरुआती चरण में, टेस्ला मुंबई और दिल्ली में अपने प्रमुख शोरूम स्थापित करेगी।

दिल्ली और मुंबई में शोरूम लोकेशन

दिल्ली में टेस्ला का पहला शोरूम इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक एरोसिटी में खुल सकता है। एरोसिटी में कई बड़े और लक्जरी होटल स्थित हैं, जिससे यह एक प्रीमियम ग्राहक वर्ग को आकर्षित करने के लिए एक उपयुक्त स्थान बन जाता है।

वहीं, मुंबई में कंपनी अपना शोरूम बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में खोलने की योजना बना रही है। यह स्थान न केवल मुंबई एयरपोर्ट के करीब है बल्कि यह शहर के सबसे बड़े बिजनेस और रिटेल हब में से एक भी है। दोनों शोरूम का आकार कम से कम 5,000 वर्ग फुट होने की संभावना है।

भारत की नई EV पॉलिसी और टेस्ला की राह आसान

एलन मस्क भारत की आयात नीति के मुखर आलोचक रहे हैं, खासकर ईवी इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर। उनकी चिंताओं को देखते हुए भारत सरकार ने पिछले साल अपनी ईवी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए। अब विदेशी ईवी कंपनियाँ केवल 15% आयात शुल्क देकर हर साल 8,000 यूनिट तक वाहन आयात कर सकती हैं, बशर्ते वे तीन साल के भीतर भारत में उत्पादन संयंत्र स्थापित करें और न्यूनतम 50 करोड़ डॉलर का निवेश करें। पहले, ईवी इंपोर्ट पर 70% से 110% तक का शुल्क लगाया जाता था।

भारत में टेस्ला की एंट्री के प्रभाव

टेस्ला के भारत में आगमन से भारतीय ईवी बाजार को जबरदस्त गति मिलने की उम्मीद है। यह अन्य अंतरराष्ट्रीय ईवी निर्माताओं को भी भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित करेगा। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर ईवी निर्माण में तेजी आएगी, जिससे न केवल नई नौकरियाँ पैदा होंगी बल्कि भारत के सतत विकास लक्ष्यों को भी बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष

टेस्ला की भारत में एंट्री देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प मिलेंगे, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों की रुचि भी बढ़ेगी। भारत सरकार की नई नीति और टेस्ला की रणनीति यह दर्शाती है कि आने वाले वर्षों में भारतीय ईवी बाजार में भारी परिवर्तन देखने को मिलेगा।

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