देश: ट्रैक्टर मार्च की हिंसा पर पुलिस कमिश्नर का बड़ा बयान- किसान नेता भी शामिल, किया विश्वासघात

देश - ट्रैक्टर मार्च की हिंसा पर पुलिस कमिश्नर का बड़ा बयान- किसान नेता भी शामिल, किया विश्वासघात
| Updated on: 27-Jan-2021 09:21 PM IST
नई दिल्ली | गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर बुधवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने किसान नेताओं पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया। पुलिस कमिश्नर एस. एन श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि लोगों की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ नियम और शर्तों के साथ ट्रैक्टर परेड को इजाजत दी गई थी और ये सभी बातें किसान नेताओं को लिखित रूप में दी गईं। परेड के लिए दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक का समय दिया गया था। इसका नेतृत्व किसान नेताओं को करना था। उन्हें यह भी लिखित में दिया गया था कि 5000 से अधिक ट्रैक्टर (रैली में) नहीं होने चाहिए और उनके पास कोई हथियार भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा में किसान नेता भी शामिल रहे और इस दौरान हमने काफी संयम बरता। किसान नेताओं ने हमारे साथ विश्वासघात किया।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि 2 जनवरी को दिल्ली पुलिस को पता चला था कि किसान 26 को ट्रैक्टर रैली करने जा रहे हैं। हमने किसानों से कहा कि कुंडली, मानेसर, पलवल पर ट्रैक्टर मार्च निकालें, लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी की देर शाम तक यह सामने आया कि किसान अपनी बात नहीं रख रहे थे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लाए जिन्होंने मंच पर कब्जा कर लिया और भड़काऊ भाषण दिए, जिससे उनके इरादे स्पष्ट हो गए।

पुलिस कमिश्नर ने आगे बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। अभी तक 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस चेहरे की पहचान प्रणाली का इस्तेमाल कर रही है और आरोपियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की मदद ली जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने साफ कहा कि हिंसा में दोषी किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जिस समय हिंसा हो रही थी, उस समय हमारे पास कई विकल्प मौजूद थे, लेकिन पुलिस शांत रही।

किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज

दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में एक एफआईआर में दर्शन पाल और योगेन्द्र यादव समेत 37 किसान नेताओं के नाम लिए है। पुलिस ने कहा कि वे उनकी भूमिका की जांच करेंगे। हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। एफआईआर में आईपीसी की कई धाराओं का उल्लेख है जिनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगों के लिए सजा), 353 (किसी व्यक्ति द्वारा एक लोक सेवक / सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।  दिल्ली पुलिस ने जिन किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है उनमें- राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, वीएम सिंह, विजेंदर सिंह, हरपाल सिंह, विनोद कुमार, दर्शन पाल, राजेंद्र सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह, जगतार बाजवा, जोगिंदर सिंह उगराहां के नाम भी शामिल हैं।

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में उपद्रवियों ने मचाया था बवाल

गौरतलब है कि मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई थी। हजारों प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए थे, वे पुलिस से भिड़ गए थे, गाड़ियों को पलट दिया था और लाल किले पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया। आईटीओ पर भी अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते और अपने ट्रैक्टरों को वहां खड़ी बसों को टक्कर मारते दिखे। आईटीओ पर गुस्साए किसानों ने एक बस में तोड़फोड़ भी की थी।

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