Bangalore Stampede: बेंगलुरु में बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जिसने जश्न के माहौल को मातम में बदल दिया। एम. चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा IPL 2025 की चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री परेड से ठीक पहले हुआ, जिसे लेकर शहर में भारी उत्साह देखा जा रहा था।
हजारों की संख्या में जुटे प्रशंसकों के बीच जैसे ही स्टेडियम का गेट खुला, अफरा-तफरी मच गई। लोग गेट से अंदर घुसने की जल्दी में एक-दूसरे पर गिर पड़े। कुछ फैंस दीवार कूदते दिखे, तो कुछ पेड़ों पर चढ़कर स्टेडियम में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे। इस अराजक स्थिति में कई लोग कुचले गए और गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस भयावह हादसे के बाद प्रशासनिक लापरवाही को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भीड़ नियंत्रण के इंतज़ाम नाकाफी थे और ट्रैफिक मैनेजमेंट पूरी तरह चरमरा गया था। हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन पर अंगुलियां उठ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण के बेहतर उपाय किए गए होते, तो शायद यह घटना रोकी जा सकती थी।
RCB की ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए शहर में ‘ओपन बस परेड’ का आयोजन प्रस्तावित था, लेकिन बेंगलुरु की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के चलते यह योजना रद्द कर दी गई। पुलिस ने विक्ट्री परेड को स्टेडियम के भीतर आयोजित करने का निर्णय लिया और जनता को CBD (सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट) क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी थी।
बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के जॉइंट सीपी एमएन अनुचेथ के अनुसार, बेंगलुरु में 1.5 करोड़ की आबादी के लिए 1.23 करोड़ पंजीकृत वाहन हैं, जो देश में सबसे अधिक वाहन घनत्व में से एक है। प्रति 1,000 लोगों पर औसतन 872 वाहन हैं—मुंबई और दिल्ली से भी अधिक। पिछले एक दशक में वाहन संख्या दोगुनी हो गई, लेकिन सड़कें और आधारभूत संरचना जस की तस रही।
ऑनलाइन भले ही बेंगलुरु का ट्रैफिक मीम का विषय हो, लेकिन यह शहरवासियों की रोजमर्रा की पीड़ा है। टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स के मुताबिक बेंगलुरु दुनिया में तीसरे सबसे ट्रैफिकग्रस्त शहरों में शामिल है, जहां 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में औसतन 34 मिनट लगते हैं। भारी वाहनों के लिए अलग टर्मिनल न होना और असंगठित यातायात ढांचा इसकी प्रमुख वजहें हैं।
घटना की जांच चल रही है, लेकिन यह साफ है कि यह हादसा बेंगलुरु की अव्यवस्थित ट्रैफिक और कमजोर सिविक प्लानिंग की गवाही है। RCB की ऐतिहासिक जीत का जश्न जहां गौरव का पल था, वहीं यह हादसा एक गहरे आत्ममंथन की आवश्यकता को सामने लाता है।