Ratan Raajputh: फिल्मी दुनिया हो या टीवी इंडस्ट्री, कई ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अपनी खास पहचान बनाने के बाद भी एक्टिंग की चमक-दमक को अलविदा कह दिया। इनमें से कुछ ने अपनी जिंदगी को बिल्कुल अलग दिशा में मोड़ लिया। ऐसा ही एक नाम है टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत का, जिन्होंने न केवल एक्टिंग छोड़ी, बल्कि अब गांव में रहकर खेती-बाड़ी और सादगी भरी जिंदगी जीने का फैसला किया है।
रतन राजपूत ने टीवी इंडस्ट्री में बहुत कम समय में अपनी एक अलग जगह बनाई थी। उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता सीरियल "अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो" में लाली के किरदार से मिली। इस किरदार ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया। इसके अलावा, रतन ने टीवी पर अपने स्वयंवर शो "रतन का रिश्ता" में भी हिस्सा लिया, जिसने उन्हें और सुर्खियां दीं। आखिरी बार उन्हें साल 2020 में टेलीकास्ट हुए सीरियल "संतोषी मां" में देखा गया था, जिसकी शूटिंग 2018 में पूरी हो चुकी थी।
रतन ने एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कहने का फैसला अपने निजी जीवन में आए एक बड़े दुख के कारण लिया। साल 2018 में उनके पिता का निधन हो गया, जिसका असर उनकी मानसिक स्थिति पर गहरा पड़ा। इस दुख को सहन न कर पाने के कारण वे डिप्रेशन का शिकार हो गईं। एक इंटरव्यू में रतन ने बताया कि यह उनकी जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर था। इस दौरान उन्होंने न केवल साइकैट्रिस्ट की मदद ली, बल्कि साइकोलॉजी भी पढ़ी ताकि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से समझ सकें।
डिप्रेशन से जूझते हुए रतन ने मुंबई की चकाचौंध भरी जिंदगी को छोड़ने का फैसला किया और अपने गांव लौट गईं। गांव में उन्होंने एक सादगी भरी जिंदगी अपनाई। वहां उन्होंने न सिर्फ खेती-बाड़ी शुरू की, बल्कि चुल्हे पर खाना बनाना और गांव के लोगों के साथ समय बिताना भी शुरू किया। रतन का कहना है कि गांव की जिंदगी ने उन्हें सुकून दिया और उनकी मानसिक स्थिति को ठीक करने में मदद की।
खुद को इस मुश्किल दौर से बाहर निकालने के लिए रतन ने लॉकडाउन के दौरान एक नया कदम उठाया। उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया, जहां वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी, गांव के अनुभव और खेती-बाड़ी से जुड़ी कहानियों को अपने फैंस के साथ साझा करती हैं। इस चैनल के जरिए उन्होंने न केवल अपनी जर्नी को लोगों तक पहुंचाया, बल्कि यह भी दिखाया कि जिंदगी में मुश्किलों से उबरकर एक नई शुरुआत की जा सकती है।
रतन राजपूत की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो मुश्किल वक्त में हार मान लेते हैं। एक्टिंग की चमक-दमक छोड़कर गांव की सादगी भरी जिंदगी अपनाने का उनका फैसला न केवल साहसिक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सच्चा सुकून अपने मन की शांति में ही है। आज रतन न सिर्फ अपनी जिंदगी को नए सिरे से जी रही हैं, बल्कि अपने अनुभवों से दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं।