Share Market Today: बाजार का भारी गिरावट के साथ शुरू हुआ नया वित्त वर्ष, सेंसेक्स 532 और निफ्टी 178 अंक टूटा

Share Market Today - बाजार का भारी गिरावट के साथ शुरू हुआ नया वित्त वर्ष, सेंसेक्स 532 और निफ्टी 178 अंक टूटा
| Updated on: 01-Apr-2025 09:47 AM IST

Share Market Today: भारतीय शेयर बाजार ने नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत निराशाजनक रूप से की। मंगलवार, 1 अप्रैल को बाजार ने भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स 532.34 अंकों की गिरावट के साथ 76,882.58 अंकों पर खुला, जबकि एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 178.25 अंकों की गिरावट के साथ 23,341.10 अंकों पर कारोबार करता दिखा।

पिछले सत्र का प्रदर्शन

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी कारोबारी सत्र में भी बाजार में गिरावट देखने को मिली थी। शुक्रवार को सेंसेक्स 191.51 अंकों (0.25%) की गिरावट के साथ 77,414.92 अंकों पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 72.60 अंकों (0.31%) की गिरावट के साथ 23,519.35 अंकों पर बंद हुआ था।

सेंसेक्स की 30 में से 20 कंपनियों के शेयर लाल निशान में

नए वित्त वर्ष के पहले कारोबारी दिन सुबह 9:16 बजे सेंसेक्स की 30 में से सिर्फ 10 कंपनियों के शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि शेष 20 कंपनियों के शेयर लाल निशान में थे। इसी तरह, निफ्टी 50 में 26 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और 24 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।

प्रमुख कंपनियों का प्रदर्शन:

  • सबसे अधिक बढ़त: पावरग्रिड (1.58%)

  • सबसे अधिक गिरावट: इंफोसिस (-2.03%)

अन्य प्रमुख शेयरों में उतार-चढ़ाव

नए वित्त वर्ष के पहले दिन कारोबार के दौरान कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भी काफी उतार-चढ़ाव देखा गया।

बढ़त दर्ज करने वाले शेयर:

  • एनटीपीसी: 1.03%

  • इंडसइंड बैंक: 0.95%

  • महिंद्रा एंड महिंद्रा: 0.71%

  • नेस्ले इंडिया: 0.58%

  • अडाणी पोर्ट्स: 0.28%

  • एसबीआई: 0.23%

  • जोमैटो: 0.17%

  • आईसीआईसीआई बैंक: 0.11%

  • एशियन पेंट्स: 0.03%

गिरावट दर्ज करने वाले शेयर:

  • एचडीएफसी बैंक: -1.33%

  • टेक महिंद्रा: -1.20%

  • एचसीएल टेक: -1.11%

  • बजाज फाइनेंस: -1.09%

  • टीसीएस: -1.04%

  • सनफार्मा: -1.00%

  • मारुति सुजुकी: -0.61%

बाजार में गिरावट के संभावित कारण

शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:

  1. वैश्विक बाजारों में कमजोरी - अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में हालिया गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।

  2. जियोपॉलिटिकल तनाव - वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के कारण निवेशक सतर्क बने हुए हैं।

  3. बढ़ती ब्याज दरें - केंद्रीय बैंक की संभावित नीतियों को लेकर भी निवेशकों में चिंता बनी हुई है।

  4. वित्त वर्ष की नई शुरुआत - निवेशक नए वित्त वर्ष में सतर्कता बरतते हुए रणनीतिक रूप से निवेश कर रहे हैं।

निवेशकों के लिए आगे की राह

बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए निवेशकों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। विश्लेषकों का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट एक अच्छा अवसर हो सकता है। हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को बाजार की चाल पर करीबी नजर रखनी चाहिए और अत्यधिक जोखिम लेने से बचना चाहिए।

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