इंडिया: कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है, मोदी सरकार का अगला कदम कॉमन सिविल कोड: राजनाथ सिंह

इंडिया - कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है, मोदी सरकार का अगला कदम कॉमन सिविल कोड: राजनाथ सिंह
| Updated on: 10-Nov-2019 02:57 PM IST
नई दिल्ली | अयोध्या पर फाइनल फैसले के बाद सरकार का नया एजेंडा कॉमन सिविल कोड हो सकता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज इसके संकेत दिए हैं। देहरादून में पत्रकारों ने जब राजनाथ सिंह ने सवाल किया तो उन्होंने बड़ा बयान दिया। रक्षामंत्री ने कहा अब कॉमन सिविल कोड का भी वक्त आ गया है। बीजेपी जो कहती है वही करती है। कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

गौरतलब है कि शनिवार को राजनीतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील अयोध्या मामले पर आया फैसला एक से ज्यादा मायनों में ऐतिहासिक है क्योंकि शीर्ष अदालत के 69 साल के इतिहास में शनिवार को सुनाया जाने वाला संभवत: यह पहला फैसला है। शीर्ष अदालत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति सोमवार से शुक्रवार तक सप्ताह में पांच दिन मुकदमों की सुनवाई करते हैं। विशेष परिस्थितियों में न्यायालय में शनिवार और अन्य अवकाश के दिनों में भी सुनवाई होती है। लेकिन संभवत: यह पहली बार था जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने शनिवार को इतना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

सदी से भी ज्यादा पुराने इस विवाद पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या की विवादित जमीन पर सरकार की ओर से गठित न्यास की निगरानी में राम मंदिर बनाने को कहा और साथ ही कहा कि अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन खोजी जाए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया। पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाए, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा।

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