देश: चमगादड़ों में हो सकते हैं 15 हजार कोरोना वायरस, अभी तो सिर्फ एक ने मचाई तबाही
देश - चमगादड़ों में हो सकते हैं 15 हजार कोरोना वायरस, अभी तो सिर्फ एक ने मचाई तबाही
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Updated on: 15-May-2020 10:43 AM IST
दिल्ली: दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद वैज्ञानिकों ने इस वायरस की उत्पत्ति के बारे में खोज शुरू कर दी थी। शुरुआत में रिसर्च में खुलासा हुआ कि ये वायरस किसी जहरीले जीव से निकला हुआ हो सकता है, एक बेहद विषैले चीनी सांप को लेकर शक जाहिर किया गया था। फिर पैंगोलिन्स पर भी रिसर्च हुई क्योंकि चीन के वेट मार्केट में पैंगोलिन्स का मांस बेचे जाने की खबरें भी आई थीं। लेकिन आखिरकार ये स्पष्ट हुआ कि ये बीमारी भी चमगादड़ों से ही फैली है। इससे पहले कोविड-19 परिवार का ही सदस्य सार्स चीन में कुछ साल पहले काफी तबाही मचा चुका है। इसके बाद एकाएक वैश्विक मीडिया में चमगादड़ों को लेकर कई रिपोर्ट्स की गईं। कहा गया कि चमगादड़ों के शरीर में कोरोना जैसे और भी वायरस हैं। चमगादड़ों पर लंबे समय से रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक पीटर डैस्जैक ने सीएनएन से बातचीत के दौरान कहा था कि चमगादड़ों के शरीर से हम अब तक सिर्फ 500 कोरोना वायरस की तलाश ही कर पाए हैं। उनके मुताबिक चमगादड़ के शरीर में वायरस की संख्या 15 हजार तक हो सकती है। अभी तो दुनिया सिर्फ कुछ ही वायरस से वाकिफ हो पाई है।पीटर डैस्जैक अमेरिकी संस्था इकोहेल्थकेयर के प्रेसिडेंट हैं। वो बीते 15 सालों से चमगादड़ों से सैंपल इकट्ठे कर रहे हैं जिससे दुनिया को भविष्य में महामारियों से बचाया जा सके। पीटर डैसजैक कहते हैं कि हम हर तरह का सैंपल इकट्ठा करते हैं, जिससे आगे की रिसर्च में मदद मिल सके। वो अब तक बीस देशों में घूमकर चमगादड़ों से सैंपल इकट्ठा कर चुके हैं जिससे यह बताया जा सके कि अगली महामारी कौन सी फैलने वाली है।पीटर और उनके जैसे अन्य शोधकर्ताओं की मदद से यह जानने में आसानी होती है कि चमगादड़ से कौन सा वायरस इंसानों में भी पहुंच सकता है। पीटर कहते हैं-अब तक मैंने करीब 15 हजार चमगादड़ों से सैंपल इकट्ठे किए हैं। इसकी वजह से अब तक दुनिया में करीब 500 नए कोरोना वायरस का पता चल सका है। इन्हीं में से एक उन्होंने 2013 में पाया था जो माना जा रहा है कि कोविड-19 के ही परिवार का हिस्सा था।साल 2003 में सार्स महामारी फैलने से पहले तक कोरोना वायरस को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं की जाती थी। सिंगापुर की वायरोलॉजिस्ट Wang Linfa के मुताबिक तब तक कोरोना वायरस को लेकर वृहद स्तर पर रिसर्च नहीं शुरू हुई थी। उसके पहले इंसानों में ट्रांसफर हो सकने वाले सिर्फ दो कोरोना वायरस तलाशे जा सके थे। इनकी खोज भी 1960 के दशक के दौरान हुई थी।पीटर जिस अमेरिकी संस्था के लिए काम करते हैं वो ज्यादातर साउथ ईस्ट चाइना पर ही फोकस करती है। ये यूनान प्रांत है। ये चमगादड़ों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के लिए पहचाना जाता है। पीटर कहते हैं कि इस जगह पर ज्यादा ध्यान इसलिए दिया गया क्योंकि यहीं से सार्स की भी शुरुआत मानी जाती है।
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