राजस्थान: राममंदिर के लिए नहीं होगा पत्थरों का संकट, गहलोत सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र ने लिया बड़ा फैसला
राजस्थान - राममंदिर के लिए नहीं होगा पत्थरों का संकट, गहलोत सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र ने लिया बड़ा फैसला
|
Updated on: 15-Jun-2021 06:57 AM IST
भरतपुर। अयोध्या राममंदिर के लिए पत्थरों का संकट नहीं होगा। राम मंदिर निर्माण में ज्यादातर भरतपुर के बंसी पहाड़पुर के सेंड स्टोन और पिंक स्टोन का ही उपयोग किया जा रहा है। कयास लगाए जा रहे है कि यह भी एक कारण रहा है, जिसकी वजह से राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने 25 साल बाद मंजूरी दे दी है। भरतपुर ( bharatpur) के रूपबास और बयाना क्षेत्र में रोजगार की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत भरी खबर मिली है। रूपबास के बंसी पहाड़पुर में स्थित सेंड स्टोन को वैध रूप से खोले जाने को मंजूरी की राह आसान हो गई है। करीब 25 सालों के बाद राज सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी देते हुए वन्यभूमि को डायवर्जन करने की प्रथम स्तरीय मंजूरी स्वीकृत कर दी है। लंबे समय से बंसी पहाड़पुर को वन विभाग से अलग करने की मांग की जा रही थी, क्योंकि वन विभाग में होने के बावजूद भी लगातार क्षेत्र में अवैध खनन जारी था, जिसको लेकर आसपास के ग्रामीण कई बार महापंचायत एकत्रित कर अवैध खनन के खिलाफ हल्ला भी बोल चुके हैं। अवैध खनन माफियाओं के आगे ग्रामीणों की और आसपास के क्षेत्र के लोगों की एक न चली। अवैध खनन लगातार जारी रहा, जिसके बाद आसपास के लोग सांसद रंजीता कोली से आकर मिले। कई बार मंत्री प्रमोद जैन भाया से भी मुलाकात की। इसके बाद सांसद रंजीता कोली ने भी लोकसभा में कई बार यह प्रश्न उठाया कि भरतपुर के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र के लोगों रोजगार की आवश्यकता को देखते हुए वन विभाग की जमीन को खनिज विभाग के सुपुर्द कर दिया जाए। इस पर राज्य सरकार ने एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाया जिस पर मंजूरी देते हुए अब वन विभाग की जमीन को डायवर्सन के लिए खनिज विभाग को सुपुर्द किया गया है। ऐसे में अब कुछ दिन बाद नीलामी के तहत जमीन में छोटे-छोटे खनिज पट्टे जारी किए जाएंगे। जिससे अवैध खनन पर भी लगाम लगेगी और क्षेत्र लोगों को रोजगार भी मिलेगा।ग्रामीणों को सता रही बेरोजगारी की समस्याअब आसपास के ग्रामीणों को यह डर भी सता रहा है कि कहीं बंसी पहाड़पुर के सेंड स्टोन पर बड़े-बड़े माफियाओं का कब्जा ना हो जाए। जिससे आसपास में रोजगार के संकट से न जूझना पड़ जाए। आसपास के क्षेत्र के लोगों को लग रहा है कि बड़े बड़े माफिया यहां पट्टा धारी बन कार्य करेंगे तो उन्हें सिर्फ मजदूर बनकर ही रहना पड़ेगा।
Disclaimer
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।