Neena Gupta: ये हसीना 36 साल में बनी बिन ब्याही मां, हुई बेघर, फिर किया ऐसा कमबैक

Neena Gupta - ये हसीना 36 साल में बनी बिन ब्याही मां, हुई बेघर, फिर किया ऐसा कमबैक
| Updated on: 06-May-2025 11:35 AM IST

Neena Gupta: फिल्मी दुनिया की चकाचौंध के पीछे एक कड़वा सच छिपा होता है — यहां टिके रहना जितना मुश्किल है, उतना ही मुश्किल है खुद को संभाल कर रखना। ग्लैमर की दुनिया में सितारे अपने अभिनय और अंदाज़ से लोगों का दिल जीत लेते हैं, लेकिन एक छोटी सी चूक भी उनके पूरे करियर को हिला सकती है। ऐसा ही कुछ देखा गया बॉलीवुड की बेबाक और बेहतरीन अदाकारा नीना गुप्ता के जीवन में, जिन्होंने न केवल अभिनय की दुनिया में अपनी खास जगह बनाई, बल्कि निजी जीवन की कठिनाइयों का भी मजबूती से सामना किया।

65 की उम्र में भी कायम है अदाकारी का जादू

नीना गुप्ता आज 65 साल की उम्र में भी कई युवा कलाकारों को कड़ी टक्कर देती नजर आती हैं। 'बधाई हो', 'गुडबाय', 'मुल्क', 'वो छोकरी' जैसी फिल्मों में उनके किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हैं। हर भूमिका में उनका अभिनय इतना प्रभावशाली होता है कि वह कहानी की आत्मा बन जाती हैं। लेकिन उनके संघर्ष की असली कहानी पर्दे के पीछे छिपी है — एक ऐसी कहानी जो न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर भी करती है।

निजी जीवन में उठा तूफान

नीना गुप्ता का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब उनका अफेयर वेस्ट इंडीज के मशहूर क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स के साथ सामने आया। उस रिश्ते से वह मां बनीं, लेकिन विवियन पहले से शादीशुदा थे। समाज की परवाह किए बिना नीना ने बिना शादी के बच्ची को जन्म दिया और उसका पालन-पोषण अकेले किया। यह एक साहसी फैसला था — खासकर उस दौर में जब समाज की सोच आज की तुलना में कहीं ज्यादा संकीर्ण थी।

नीना की बेटी मसाबा गुप्ता, आज खुद एक सफल फैशन डिज़ाइनर हैं और उनकी परवरिश, नीना के अदम्य साहस और आत्मविश्वास की गवाही देती है।

मुश्किल घड़ी में मिला सच्चे दोस्त का साथ

किसी भी मुश्किल समय में अगर एक सच्चा दोस्त साथ खड़ा हो, तो इंसान सबसे बड़ा संकट भी पार कर सकता है। नीना की जिंदगी में यह दोस्त थे दिवंगत अभिनेता और निर्देशक सतीश कौशिक। एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) में पढ़ाई के दौरान दोनों की दोस्ती हुई थी, जो जिंदगी भर कायम रही। नीना ने एक इंटरव्यू में उस पल को याद करते हुए बताया कि जब वह प्रेग्नेंट थीं और बेहद तनाव में थीं, तो सतीश उनके घर आए और कहा, "अगर तुम्हारा बच्चा काला हुआ तो मैं सबको बता दूंगा कि यह मेरा है।" यह मजाक भरा जज्बा नहीं बल्कि एक सच्चे दोस्त की भावना थी — जो हर हाल में साथ देने को तैयार था।

समाज से लड़ी, खुद से नहीं हारी

नीना गुप्ता का जीवन इस बात का उदाहरण है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी कठिनाई इंसान को रोक नहीं सकती। उन्होंने न केवल समाज की तिरछी निगाहों का सामना किया, बल्कि अपने दम पर एक मुकाम हासिल किया। उनका कहना है, "प्यार किसी शादीशुदा मर्द से नहीं करना चाहिए," — यह बयान उनकी कड़वी सच्चाई और जीवन के अनुभव से उपजा है, जो कई और महिलाओं को सीख दे सकता है।

एक प्रेरणा, एक मिसाल

नीना गुप्ता की कहानी सिर्फ एक एक्ट्रेस की नहीं है, यह एक माँ की, एक महिला की, और एक इंसान की कहानी है — जो हर कठिन परिस्थिति से उबरकर खड़ी हुई, मुस्कुराई और जीत गई। उनकी जिंदगी से यह सीख मिलती है कि आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान सबसे बड़ी ताकत होते हैं।

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