Mukesh Kumar: इंग्लैंड दौरे के लिए घोषित भारतीय टेस्ट टीम में एक बार फिर तेज गेंदबाज मुकेश कुमार को नजरअंदाज कर दिया गया है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया टूर पर भी उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया था। वहीं, इंडिया-ए के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें चयनकर्ताओं ने सीनियर टीम में शामिल नहीं किया। इस फैसले के बाद मुकेश कुमार ने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया के ज़रिए जाहिर की है।
इंग्लैंड दौरे की तैयारी के तहत खेले गए इंडिया-ए के अनऑफिशियल टेस्ट में मुकेश कुमार ने पहली पारी में शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर सभी को प्रभावित किया। इसके बावजूद न सिर्फ उन्हें दूसरे मैच में नजरअंदाज किया गया, बल्कि भारतीय सीनियर टीम और इंडिया-ए के बीच हुए इंस्ट्रा स्क्वाड मुकाबले में भी उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी गई।
वहीं मुकेश की तुलना में कम अनुभव रखने वाले हर्षित राणा को इंग्लैंड दौरे की टीम में शामिल कर लिया गया। हर्षित ने इंडिया-ए के लिए खेले गए मुकाबले में केवल एक विकेट लिया था और इंस्ट्रा स्क्वाड में भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। इसके बावजूद उन्हें टीम में शामिल किया गया, जिससे फैंस और विशेषज्ञों के बीच चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
मुकेश कुमार ने इस चयन के बाद इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक भावुक संदेश साझा किया:
"कर्म अपना समय लेता है। आपको हमेशा सावधान रहना होगा। कर्म अक्षम्य है और हमेशा बदला लेता है।"
इस स्टोरी को फैंस ने हर्षित राणा के चयन से जोड़ते हुए माना कि यह उनकी तरफ इशारा था।
मुकेश कुमार ने 2023 में भारतीय टीम के लिए टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल—तीनों फॉर्मेट में डेब्यू किया था।
टेस्ट: 3 मैच, 7 विकेट
वनडे: 6 मैच, 5 विकेट
टी20: 17 मैच, 20 विकेट
उनके पास अनुभव के साथ-साथ निरंतरता भी रही है, जिससे उन्हें टीम इंडिया में एक स्थायी विकल्प के रूप में देखा जा रहा था।
बल्लेबाज: शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर
विकेटकीपर: ऋषभ पंत (उपकप्तान), ध्रुव जुरेल
ऑलराउंडर: रवींद्र जडेजा, नीतीश रेड्डी, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर
गेंदबाज: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, हर्षित राणा
मुकेश कुमार का बाहर होना सिर्फ एक खिलाड़ी की अनदेखी नहीं, बल्कि चयन समिति की पारदर्शिता और मानदंडों पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। एक खिलाड़ी जिसने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में डेब्यू कर अपनी काबिलियत साबित की हो, अगर वह निरंतर प्रदर्शन के बावजूद टीम से बाहर है, तो यह चयन प्रणाली की निष्पक्षता पर बहस को जन्म देता है। अब देखना होगा कि मुकेश कुमार आने वाले दिनों में अपने प्रदर्शन से किस तरह चयनकर्ताओं को अपनी अहमियत का एहसास कराते हैं।