कोरोना वायरस: भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है ये नया ट्रेंड

कोरोना वायरस - भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है ये नया ट्रेंड
| Updated on: 07-Apr-2020 04:56 PM IST
Coronavirus in India: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और मौत का आंकड़ा भी 100 के पार पहुंच चुका है। दुनिया के कई देशों की तुलना में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण अभी उतने गंभीर रूप में नहीं फैला है लेकिन संक्रमण का नया ट्रेंड देश की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

कोरोना वायरस अब देश के एक-तिहाई से ज्यादा जिलों में फैल चुका है। दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों को अपनी चपेट में लेने के बाद महामारी ने 736 जिलों में से करीब 300 जिलों में अपने पैर पसार लिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कई बड़े प्रदेशों में 60 फीसदी से ज्यादा जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल चुका है। विश्लेषकों का कहना है कि इससे सरकार की कोरोना वायरस को एक भौगोलिक क्षेत्र में सीमित रखने की कोशिशों को झटका लग सकता है।

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के तेजी से फैलने का खतरा बहुत ज्यादा है। हालांकि, देश के 10 कोरोना हॉटस्पॉट में शामिल राजस्थान के भीलवाड़ा में वायरस को रोकने में कामयाबी पा ली गई है। विश्लेषकों का कहना है कि प्रशासन की तेजी ही कोरोना वायरस को फैलने से रोक सकती है।

सरकार के सामने बड़ी चुनौती पैदा हो गई है क्योंकि अब उत्तराखंड के देहरादून, यूपी के मेरठ, राजस्थान के जयपुर और मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना वायरस फैलता नजर आ रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक, पूरे देश में कोरोना वायरस समान रूप से नहीं फैलेगा। हम कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट पर कड़ी नजर रख रहे हैं। कोरोना से ज्यादा प्रभावित इलाकों में हम टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। नोएडा, मैसूर, बेंगलुरु, मुंबई और पुणे में भी कोरोना के तमाम केस सामने आए हैं और ये कड़ी निगरानी में हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि महानगरों से ग्रामीण इलाके में लोगों के पलायन की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ा है। लॉकडाउन लागू होने के बाद भी भारतीय महानगरों से बड़ी संख्या में लोगों ने छोटे शहरों या गांवों की तरफ पलायन किया।

सरकार ने देश भर में पहले ही 22 हॉटस्पॉट की पहचान कर ली है और यहां कोरोना मरीजों की पहचान कर उन्हें अलग किया जा रहा है। हालांकि, लगातार वायरस के बढ़ते हॉटस्पॉट सरकारी मशीनरी और संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डाल रहे हैं।

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया में हेल्थ सिस्टम सपोर्ट की वाइस प्रेजिटेंड डॉ। प्रीती कुमार ने लाइवमिंट से बातचीत में बताया, जैसे-जैसे महामारी फैलेगी, पूरी तरह से तैयार देशों में भी अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस उभरेगा। महामारी की रोकथाम संदिग्धों की पहचान, टेस्ट, असरदार लॉकडाउन और नागरिकों की समझदारी समेत कई फैक्टरों पर आधारित होता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि ग्रामीण भारत में कई मामलों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है क्योंकि कई लोगों में संक्रमण में ना के बराबर लक्षण दिखते हैं। ऐसे लोग कोरोना वायरस के वाहक बन सकते हैं जबकि रिकॉर्ड में वे शामिल ही नहीं होंगे। नतीजा ये होगा कि इन इलाकों की पहचान हॉटस्पॉट के तौर पर भी नहीं हो पाएगी।

वैश्विक तौर पर, ये बात साबित हो चुकी है कि कोरोना वायरस के कई मामलों में बहुत हल्के लक्षण नजर आते हैं या फिर कोई लक्षण ही नजर नहीं आते हैं। ऐसे में इन मामलों की रिपोर्टिंग नहीं हो पाती है।

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