धर्म: इस बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए तिल के लड्डू खाने के पीछे की दिलचस्प कहानी

धर्म - इस बार 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानिए तिल के लड्डू खाने के पीछे की दिलचस्प कहानी
| Updated on: 06-Jan-2020 12:01 PM IST
Makar Sankranti 2020 : मकर संक्रांति हिंदुओं के बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी नहीं, बल्कि 15 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का योग बनता है।

भारत में जितने तरह के पर्व मनाए जाते हैं, उतने ही तरह के व्यजंन का भी चलन है। देश के अलग-अलग हिस्सों में हर त्योहार पर एक खास तरह का व्यजंन बनाया जाता है। जैसे की होली पर गुजिया, दीवाली पर पेड़े। ठीक इसी तरह मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से बनी चीजें खाने की परंपरा चली आ रही है।

तिल के महत्व की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव को पसंद नहीं करते थे। इसी कारण उन्होंने शनि को उनकी मां छाया से अलग कर दिया। माता और पुत्र को अलग करने के कारण सूर्य देव को कुष्ठ रोग का श्राप मिला। सूर्य देव को कुष्ठ रोग से पीड़ित देख सूर्य देव के दूसरे बेटे यमराज ने तपस्या की। यमराज की तपस्या के बाद सूर्य देव कुष्ठ रोग से मुक्त हो गए।

परन्तु सूर्य देव ने क्रोध में आकर शनि देव और उनकी माता के घर 'कुंभ' (शनि देव की राशि) को जला दिया। सूर्य देव के इस कदम से शनि और छाया को काफी दुख हुआ। इसके बाद यमराज ने सूर्य देव को समझाया। यमराज की बात सुनने के बाद सूर्य देव, शनि देव और छाया से मिलने के लिए घर पहुंचे।

कुंभ के जलने के बाद वहां सबकुछ जलकर खाक में तब्दील हो चुका था, परन्तु काला तिल जस का तस रखा हुआ था। सूर्य के घर पधारने के बाद शनि देव ने उनकी पूजा काले तिल से की। इसके बाद शनि देव को उनका दूसरा घर 'मकर' मिला। शनि द्वारा सूर्य को तिल से पूजे जाने के बाद यह मान्यता है कि छाया के घर में सुख की प्राप्ति हुई। उसी दिन से मकर संक्रांति पर तिल का विशेष महत्व माना जाता है।

तिल डालकर किया जाता है स्नान

मकर संक्रांति के दिन सिर्फ गुड़ और तिल खाया ही नहीं जाता, बल्कि पानी में तिल डालकर स्नान किया जाता है।

वैज्ञानिक लिहाज से भी खास है तिल और गुड़

धार्मिक के अलावा मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का वैज्ञानिक महत्व भी है। मकर संक्रांति के समय उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम रहता है और तिल-गुड़ की तासीर गर्म होती है। सर्दियों में गुड़ और तिल के लड्डू खाने से शरीर गर्म रहता है। साथ ही यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।

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