Jharkhand Politics: आज झारखंड में चंपई सरकार की पहली परीक्षा, फ्लोर टेस्ट में हेमंत सोरेन भी रहेंगे मौजूद

Jharkhand Politics - आज झारखंड में चंपई सरकार की पहली परीक्षा, फ्लोर टेस्ट में हेमंत सोरेन भी रहेंगे मौजूद
| Updated on: 05-Feb-2024 07:17 AM IST
Jharkhand Politics: झारखंड में इन दिनों सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। झारखंड में चंपई सोरेन सरकार का आज यानी सोमवार को फ्लोर टेस्ट होना है। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। कोर्ट की इजाजत से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी फ्लोर टेस्ट के दौरान मौजूद रहेंगे। वहीं, फ्लोर टेस्ट से पहले रविवार रात को सत्ता पक्ष के 37 विधायक हैदराबाद से रांची लौटे। दो चार्टर्ड प्लेन से विधायकों को रांची लाया गया।

विधायकों की रात सर्किट हाउस में गुजरी

सत्ता पक्ष के विधायक 2 फरवरी को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेने के शपथ ग्रहण के बाद हैदराबाद के लिए रवाना हो गए थे, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से उड़ान रद्द हो जाने से उन्हें वापस एयरपोर्ट से लौटना पड़ा। 3 फरवरी को वो हैदराबाद के लिए रवाना हुए। पिछले दो दिनों से सभी विधायक हैदराबाद के लियोन रिसॉर्ट में ठहरे थे। रांची पहुंचने के बाद सभी विधायकों को सर्किट हाउस लाया गया। विधायकों की रात सर्किट हाउस में ही गुजरी। विधायकों को आज कड़ी सुरक्षा के बीच विधानसभा लाया जाएगा। प्रशासन की ओर से सर्किट हाउस से विधानसभा तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

43 विधायकों के समर्थन का दावा

चंपई सोरेन ने विधायकों को हैदराबाद भेजे जाने से पहले दावा किया था कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। सर्किट हाउस से 43 विधायकों के समर्थन वाला वीडियो जारी किया था। हालांकि, हेमंत सोरेन को छोड़ दें तो फिर भी चार विधायक इससे बाहर थे। वहीं, लोबिन हेम्ब्रोम की नाराजगी भी सामने आई थी। हालांकि, शिबू सोरेन से मुलाकात के बाद उनके तेवर में बदलाव देखा गया और उन्होंने यहां तक कहा कि विधायकों को हैदराबाद जाने की जरूरत नहीं थी, जो बिकने वाले हैं वे कहीं भी बिक सकते हैं और मुझे कोई नहीं खरीद सकता। हेम्ब्रोम ने साफ किया कि वह चंपई सोरेन को समर्थन देंगे, लेकिन शिबू सोरेन की बहू और विधायक सीता सोरेन का रुख साफ नहीं हुआ है।

बिहार में बदली सरकार, नीतीश ने मारी पलटी

हाल ही में पड़ोसी राज्य बिहार में सरकार बदल गई. एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद शामिल हुए थे. उससे कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में भी इसी बीजेपी विरोधी गठबंधन की सरकार गिरती हुई नजर आई थी.

कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि बीजेपी उनके सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश कर रही है. ऐसे में विपक्ष ने नये मुख्यमंत्री की सरकार को झारखंड में भी संख्यात्मक श्रेष्ठता साबित करने की चुनौती दी है. हालांकि, सतर्क झामुमो ने कोई जोखिम नहीं उठाया और गठबंधन सरकार के 40 विधायकों को हैदराबाद के एक रिसॉर्ट में भेज दिया.

क्या जादुई अंक का आंकड़ा छू पाएगी चंपई सरकार?

इस बीच, चंपई सोरेन का समर्थन करने वाले विधायकों में असंतोष का सुर उठ रहा है. झामुमो के एक विधायक लोबिन हेम्ब्रोम ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की खुलेआम आलोचना की, जिनके इस्तीफे से नई सरकार का गठन शुरू हुआ. इसके अतिरिक्त, तीन और विधायक कथित तौर पर लापता है, जिससे गठबंधन के बहुमत की मजबूती के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं. हालांकि फिलहाल हिरासत में बंद हेमंत सोरेन भी विशेष अदालत की सहमति से फ्लोर टेस्ट में शामिल होंगे.

दूसरी ओर, बीजेपी के विधायकों की संख्या 25 विधायक और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), यानी आजसू के तीन विधायक, एनसीपी एवं एक वामपंथी दल के पास एक-एक विधायक है. इसके साथ ही तीन निर्दलीय विधायक भी हैं

सत्ता गठबंधन के पास बहुमत से चंद विधायक ही अधिक हैं. ऐसे में जेएमएम की चिंता बढ़ी हुई है. हालांकि सत्ता गठबंधन के नेता इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक हैं. चंपई सोरेन ने रविवार को कानून व्यवस्था की की समीक्षा की. पार्टी विधायकों का कहना है कि 43 विधायकों की सूची राज्यपाल को दी गई थी. यह आंकड़ा 46-47 तक पहुंच जाएगा. सरकार को कोई खतरा नहीं है.

चंपई सरकार को लेकर अटकलें तेज

सभी 40 विधायकों को शुक्रवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था. रविवार को झारखंड की राजधानी रांची लौटे. विधायक सर्किट हाउस में रुकेंगे और सोमवार को निजी बस से नेशनल असेंबली ले जाए जाएंगे. शनिवार को रांची की एक विशेष अदालत ने हेमंत सोरेन को राज्य विधानसभा में विश्वास मत में शामिल होने की अनुमति दे दी.

उन्हें शुक्रवार को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील भी दायर की. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और उन्हें उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा.

बुधवार को अपनी गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद, हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी नामित किया. चंपई सोरेन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि अन्य दो ने मंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह के बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को 10 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने को कहा है.

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