Chauth Vrat 2023: आज है सकट चौथ व्रत, जानें आरती, व्रत कथा, पूजन विधि और चांद निकलने का समय

Chauth Vrat 2023 - आज है सकट चौथ व्रत, जानें आरती, व्रत कथा, पूजन विधि और चांद निकलने का समय
| Updated on: 10-Jan-2023 10:49 AM IST
Chauth Vrat 2023: आज 10 जनवरी 2023, मंगलवार को सकट चौथ का व्रत है। यह व्रत माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। आज के दिन भगवान गणेश और चंद्रमा का पूजन किया जाता है। यह व्रत संतान की प्राप्ति और संतान की उम्र लंबी चाहने के लिए माताएं रखती हैं। कहते हैं कि इस दिन गणेश भगवान की पूजा अर्चना करने से जीवन में हर तरह की विघ्न समाप्त होती है। जिन संतान की चाह होती है उन्हें संतान प्राप्ति और संतान की सलामती के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। इस दिन तिलकूट का प्रसाद बनाया जाता है और भगवान गणेश को भग लगाया जाता है। इसलिए इसे तिलकूट चतुर्थी भी कहा जाता है।  

सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय-

रात 08 बजकर 41 बजे होगा। इसी समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा और व्रत को खोला जाएगा। माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से शुरू होगी और 11 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। इस व्रत में कथा पढ़ी जाती है। एक कथा भगवान शंकर वाली है और एक कथा कुम्हार वाली है। 

सकट चौथ पूजन विधि- 

- प्रातःकाल स्नान करके गणेश जी की पूजा का संकल्प लें।

- इस दिन फलाहार ही करना चाहिए। 

- संध्याकाल में भगवान गणेश की कथा पढ़ें

- भगवान को तिल के लड्डू और पीले पुष्प अर्पित करें । भगवान गणेश को दूर्वा भी अर्पित करनी चाहिए।

- चन्द्रमा को अर्घ्य दें 

आरती:

सकट चौथ के दिन करें श्री गणेश की आरती

  • जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय…
  • एक दंत दयावंत चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥
  • अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…
  • हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥
  • दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…
  • ‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। 
  • माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय… 
सकट चौथ व्रत कथा-

किसी नगर में एक कुम्हार रहता था। एक बार जब उसने बर्तन बनाकर आंवां लगाया तो आंवां नहीं पका। परेशान होकर वह राजा के पास गया और बोला कि महाराज न जाने क्या कारण है कि आंवा पक ही नहीं रहा है। राजा ने राजपंडित को बुलाकर कारण पूछा। राजपंडित ने कहा, ''हर बार आंवा लगाते समय एक बच्चे की बलि देने से आंवा पक जाएगा।'' राजा का आदेश हो गया। बलि आरम्भ हुई। जिस परिवार की बारी होती, वह अपने बच्चों में से एक बच्चा बलि के लिए भेज देता। इस तरह कुछ दिनों बाद एक बुढि़या के लड़के की बारी आई।

बुढि़या के एक ही बेटा था तथा उसके जीवन का सहारा था, पर राजाज्ञा कुछ नहीं देखती। दुखी बुढ़िया सोचने लगी, ''मेरा एक ही बेटा है, वह भी सकट के दिन मुझ से जुदा हो जाएगा।'' तभी उसको एक उपाय सूझा। उसने लड़के को सकट की सुपारी तथा दूब का बीड़ा देकर कहा, ''भगवान का नाम लेकर आंवां में बैठ जाना। सकट माता तेरी रक्षा करेंगी।''

सकट के दिन बालक आंवां में बिठा दिया गया और बुढ़िया सकट माता के सामने बैठकर पूजा प्रार्थना करने लगी। पहले तो आंवा पकने में कई दिन लग जाते थे, पर इस बार सकट माता की कृपा से एक ही रात में आंवा पक गया। सवेरे कुम्हार ने देखा तो हैरान रह गया। आंवां पक गया था और बुढ़िया का बेटा जीवित व सुरक्षित था। सकट माता की कृपा से नगर के अन्य बालक भी जी उठे। यह देख नगरवासियों ने माता सकट की महिमा स्वीकार कर ली। तब से आज तक सकट माता की पूजा और व्रत का विधान चला आ रहा है।

सकट चौथ पर भद्रा का साया 

हालांकि इस बार संकष्‍टी चतुर्थी या सकट चौथ पर पूजा-पाठ करने में लोगों को थोड़ी दिक्कत आ सकती है. दरअसल, आज सकट चौथ पर भद्रा का साया रहेगा. आज सुबह 7:15 से भद्राकाल शुरू होगा जो कि दोपहर 12:09 तक रहेगा. भद्रा काल में शुभ काम नहीं किए जाते हैं इसलिए सकट चौथ की पूजा भद्रा काल समाप्त होने के बाद करना बेहतर रहेगा. 

बता दें कि इस सकट चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग जैसे बेहद शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में इस दिन किए गए पूजा पाठ का कई गुना ज्यादा फल मिलेगा. वहीं सकट चौथ पर चंद्रोदय का समय आज रात 8:41 रहेगा. 

सकट चौथ के दिन न करें ये काम 

संकष्‍टी चतुर्थी के दिन कुछ काम करने की मनाही की गई है. लिहाजा आज ये काम करने से बचें. 

- सकट चौथ के दिन काले वस्त्र नहीं पहने चाहिए. इस दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है. 

- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा के अलावा चंद्रमा को अर्घ्‍य देना भी बहुत जरूरी है. बिना चंद्रमा को अर्घ्‍य दिए यह व्रत पूरा नहीं होता है. लेकिन इस दौरान ध्यान रखें कि चंद्रमा को अर्घ्‍य देते समय जल के छींटे आपके पैरों पर ना पड़ें.

- सकट चौथ का व्रत रख रहे हैं तो कथा अवश्य पढ़े बिना कथा पढ़े व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है. इसके बाद ही अपना व्रत खोलें.

- सकट चौथ में भगवान गणेश की पूजा की जाती और इसमें कभी भी तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है. भगवान गणेश को केवल दूर्वा और पीले-लाल रंग के फूल अर्पित करें. 

-इस दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें. व्रत नहीं रख रहे हैं तो भी लहसुन प्याज, नॉनवेज और शराब आदि का सेवन ना करें.

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