बेंगलुरु: आज ISRO फिर रचेगा इतिहास लॉन्च के लिए तैयार कार्टोसैट-3, दुश्मनों पर रहेगी नजर

बेंगलुरु - आज ISRO फिर रचेगा इतिहास लॉन्च के लिए तैयार कार्टोसैट-3, दुश्मनों पर रहेगी नजर
| Updated on: 27-Nov-2019 07:26 AM IST
बेंगलुरु | भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization- ISRO) महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट कार्टोसैट-3 लॉन्च होने के लिए तैयार है। कार्टोसैट-3 सैटेलाइट सेना के लिए बेहद मददगार साबित होने वाला है। इस सैन्य जासूसी उपग्रह को पीएसएलवी-सी-47 के जरिए इसकी कक्षा में पहुंचाया जाएगा।

प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। कार्टोसैट-3 के साथ ही अमेरिका के 13 नौनो  उपग्रहरों को प्रक्षेपित करने की उल्टी गिनती भी शुरू हो चुकी है। आज सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर कार्टोसैट को लॉन्च किया जाएगा।

यह कार्टोसैट श्रृंखला का नौवां उपग्रह है जिसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सेकेंड लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा था कि पीएसएलवी-सी47 अभियान के प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा में आज सुबह सात बजकर 28 मिनट पर 26 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई। 27 नंवबर सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाना है।

पीएसएलवी-सी47 की यह 49वीं उड़ान है जो कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के वाणिज्यिक उद्देश्य वाले 13 छोटे उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा। कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम (9।84 इंच) की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा। इस कैमरे के जरिए बेहद बारीक चीजों को भी स्पष्ट तौर पर देखा जा सकेगा।

रक्षा विशेषज्ञों का दावा है कि अभी तक इतनी सटीकता वाला सैटेलाइट कैमरा किसी देश ने लॉन्च नहीं किया है। अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी डिजिटल ग्लोब का जियोआई-1 सैटेलाइट 16।14 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ले सकता है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर कार्टोसैट उपग्रहों की मदद ली गई थी। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम। प्राकृतिक आपदाओं में मदद करेगा।

कार्टोसैट-3 का वजन 1,625 किलोग्राम है और यह बड़े पैमाने पर शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि के उपयोग तथा भूमि कवर के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।

इसरो के मुताबिक श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह 74वां प्रक्षेपण यान मिशन होगा। कार्टोसैट-3 का जीवनकाल पांच साल का होगा। कार्टोसैट-3 और 13 अन्य नैनो उपग्रहों का प्रक्षेपण बीते 22 जुलाई को चंद्रयान -2 के प्रक्षेपण के बाद हो रहा है।

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