Digital rupees: आज RBI लॉन्च करेगा डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोग्राम, इन 9 बैंकों में होगा लेनदेन

Digital rupees - आज RBI लॉन्च करेगा डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोग्राम, इन 9 बैंकों में होगा लेनदेन
| Updated on: 01-Nov-2022 09:54 AM IST
Digital rupees: देश में डिजिटल रुपी यानी कि डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का रास्ता साफ हो गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट 31 अक्टूबर (मंगलवार) को शुरू होने जा रहा है. इस डिजिटल रुपये को सीबीडीसी यानी कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के रूप में जाना जाएगा. रिजर्व बैंक इस डिजिटल करेंसी का पायलट लॉन्च करने जा रहा है. शुरू में यह बात सामने आ गई थी कि रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल रुपी लेकर आएगा.

रिजर्व बैंक ने यह बात पहले ही बता दी थी. अब वह दिन आ गया है जब देश की पहली डिजिटल करेंसी 31 अक्टूबर को लॉन्च होने जा रही है. अभी यह डिजिटल रुपी होलसेल सेगमेंट के लिए शुरू की जाएगी.

पायलट प्रोजेक्ट में ये बैंक शामिल

रिजर्व बैंक के हवाले से समाचार एजेंसी ‘PTI’ ने लिखा है कि पायलट प्रोजेक्ट में सेकेंडरी मार्केट ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट होगा जिसमें सरकारी सिक्योरिटी को शामिल किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के लिए अभी देश के 9 बैंक-स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को शामिल किया गया है.

इस साल के बजट में हुई घोषणा

इस साल के बजट में डिजिटल करेंसी यानी कि सीबीडीसी को लॉन्च करने की घोषणा की गई थी. इसका ऐलान खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था. इसके बाद रिजर्व बैंक ने कहा था कि सीबीडीसी को लॉन्च करने का काम चरणबद्ध तरीके से होगा और उसकी घोषणा जल्दी की जाएगी. इस तरह अब इसे लाने का रास्ता साफ हो गया है. फिलहाल यह करंसी पायलट प्रोजेक्ट में सामने आएगी जिसे बाद में आम लोगों के लिए भी पेश किया जा सकेगा.

सभी अफवाहों पर विराम

सीबीडीसी का कॉन्सेप्ट आने के साथ ही इस बात की अटकलें तेज हो गई थीं कि सरकार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाएगी और उसके बदले अपनी डिजिटल करेंसी लेकर आएगी. अभी क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह का आधिकारिक प्रतिबंध नहीं लगा है, लेकिन रिजर्व बैंक ने अपनी सीबीडीसी का ऐलान कर दिया. रिजर्व बैंक पूर्व में स्पष्ट कर चुका है कि भारत की डिजिटल रुपी या डिजिटल करेंसी का क्रिप्टोकरेंसी से कोई तुलना नहीं की जा सकती.

सीबीडीसी की जरूरत क्यों

अगला जमाना डिजिटल करेंसी का है जिस पर पूरी दुनिया में तेजी से काम चल रहा है. भारत इस दिशा में बहुत तेजी से कदम बढ़ा रहा है जिसकी तारीफ विश्व बैंक जैसे संगठन भी खुलकर कर चुके हैं. डिजिटल रुपी या डिजिटल करेंसी भी उसी डिजिटल इकोनॉमी का अगला कदम होगा. जिस तरह मोबाइल वॉलेट से सेकंडों में ट्रांजैक्शन होता है, ठीक उसी तरह डिजिटल रुपी से भी काम होगा. इससे कैश का झंझट कम होगा जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखी जाएगी.

यह जान लेना जरूरी है कि डिजिटल रुपी एक डिजिटल करेंसी जरूर है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी कतई नहीं है क्योंकि डिजिटल रुपी का संचालन पूरी तरह से आरबीआई की निगरानी में होगा. क्रिप्टोकरेंसी में किसी केंद्रीय बैंक की निगरानी नहीं होती.

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