Bihar Caste Census: बिहार में ट्रांसजेंडर जाति सर्वेक्षण से खुश नहीं, कहा- हमारी आबादी सिर्फ 825, फर्जी है

Bihar Caste Census - बिहार में ट्रांसजेंडर जाति सर्वेक्षण से खुश नहीं, कहा- हमारी आबादी सिर्फ 825, फर्जी है
| Updated on: 03-Oct-2023 07:57 AM IST
Bihar Caste Census: जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर लंबे अर्से तक चली चर्चा पर अब विराम लग गया है। जाति जनगणना पर रिपोर्ट जारी कर दी गई है। इसके साथ ही बिहार जाति आधारित सर्वेक्षण का आंकड़ा जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। बता दें कि इससे पहले भी कई राज्यों ने जाति जनगणना के आंकड़े पेश करने की कोशिश की, लेकिन रिपोर्ट सर्वाजनिक नहीं हो पाई। 

ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता ने क्या कहा?

गांधी जयंती के दिन यानी सोमवार को बिहार सरकार के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने यह रिपोर्ट जारी की। हालांकि, जाति-आधारित सर्वेक्षण का आंकड़ा जारी होने के बाद राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय खुश नहीं हैं। उन्होंने सर्वे रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की है। ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता रेशमा प्रसाद ने बिहार सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट को फर्जी करार दिया और दावा किया कि गणना प्रक्रिया के दौरान उनसे ब्‍योरा नहीं लिया गया।

ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता ने कहा, " रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार सरकार का दावा है कि ट्रांसजेंडर लोगों की आबादी सिर्फ 825 है, जबकि 2011 की जनगणना में हमारी आबादी 42,000 से अधिक थी। सर्वेक्षण अधिकारियों ने बिहार में सभी ट्रांसजेंडरों की पहचान नहीं की। मेरी तो गिनती भी नहीं हुई, किसी ने मुझसे मेरी जाति के बारे में नहीं पूछा।"

"मैंने पहले ही याचिका दायर कर दी है"

उन्‍होंने कहा, "तीसरे लिंग का जिक्र कॉलम संख्या- 22 में किया गया है, जो कहता है कि कुल जनसंख्या सिर्फ 825 है और प्रतिशत 0.0006 है। ये बिल्कुल फर्जी है। यदि वे वास्तविक संख्या जानना चाहते हैं, तो उन्हें पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन और टोल प्लाजा पर जाना चाहिए।" रेशमा ने कहा, "चूंकि उन्होंने मेरा सर्वेक्षण नहीं किया है, इसलिए मैंने पहले ही पटना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। बिहार सरकार ने हमारे साथ अन्याय किया है।" 

उपेंद्र कुशवाहा ने भी लगाया आरोप

उन्‍होंने कहा कि ट्रांसजेंडर लोग शुभ अवसरों पर लोगों को आशीर्वाद देते हैं, लेकिन अगर उनके साथ अन्याय होता है, तो वे श्राप देते हैं। इससे पहले राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी दावा किया था कि मतगणना के दौरान उनकी जाति और अन्य डिटेल पूछने के लिए कोई भी उनके पास नहीं पहुंचा। 

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