Trump-Musk News: यमन की धरती एक बार फिर वैश्विक आतंकवाद के मंच पर चर्चा में है। अल-कायदा से जुड़ी AQAP (अल-कायदा इन द अरबियन पेनिनसुला) के नए सरगना साद बिन अतीफ़ अल-अवलाक़ी ने हाल ही में एक धमकी भरा वीडियो जारी कर दुनिया का ध्यान खींचा है। इस 30 मिनट के वीडियो में अल-अवलाक़ी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टेस्ला और स्पेसX के मालिक एलन मस्क, और अन्य अमेरिकी नेताओं को खुलेआम निशाना बनाते हुए हिंसा की चेतावनी दी है।
वीडियो में अल-अवलाक़ी गाज़ा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध का हवाला देकर कहता है कि अब कोई "रेड लाइन" नहीं बची है। उसने इसे अमेरिकी और अरब देशों के "मुस्लिमों के खिलाफ युद्ध" का हिस्सा बताया और "जवाबी कार्रवाई को जायज" ठहराया। वीडियो में ट्रंप, एलन मस्क, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ की तस्वीरें भी प्रदर्शित की गई हैं, साथ ही मस्क की कंपनियों के लोगो को भी शामिल किया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और AQAP समर्थकों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है।
अल-अवलाक़ी वह शख्स है जिस पर अमेरिका 6 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर चुका है। उसने 2024 में मारे गए AQAP के पूर्व प्रमुख खालिद अल-बतर्फ़ी की जगह ली थी। अमेरिका का आरोप है कि वह पहले भी अमेरिकी हितों और सहयोगियों पर हमलों की खुली अपील कर चुका है।
AQAP को कभी अलकायदा की सबसे घातक शाखा माना जाता था। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन हमलों, आंतरिक झगड़ों और सऊदी व अमेरिकी कार्रवाई के कारण इसकी ताकत कम हुई है। फिर भी यह संगठन अब भी 3,000 से 4,000 लड़ाकों और समर्थकों का नेटवर्क बनाए हुए है। इनका फंडिंग मॉडल बैंक लूट, हथियारों की तस्करी, फिरौती और नकली मुद्रा के जरिए चलता है।
गाज़ा युद्ध ने AQAP को एक नया नैरेटिव देने का मौका दिया है। जिस तरह ईरान समर्थित हूती विद्रोही इजराइल पर मिसाइल हमले कर खुद को "इस्लामिक प्रतिरोध" का प्रतिनिधि बता रहे हैं, उसी तरह AQAP भी "मुस्लिमों का रक्षक" बनने की कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जहां कभी हूती और AQAP एक-दूसरे के घोर दुश्मन थे, वहीं अब दोनों के बीच सीधा संघर्ष कम होता दिख रहा है।
यह वीडियो एक चेतावनी है कि यमन को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। सऊदी-ईरान संघर्ष, हूती विद्रोह और AQAP की संभावित वापसी—यह सब यमन को फिर से चरमपंथियों का अड्डा बना सकता है। अल-अवलाक़ी की धमकी सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि AQAP की दोबारा ताक़त पाने की एक सोची-समझी रणनीति है।