Donald Trump News: ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ योजना पर अड़े, अमेरिका के लिए 2 अप्रैल को बताया मुक्ति दिवस

Donald Trump News - ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ योजना पर अड़े, अमेरिका के लिए 2 अप्रैल को बताया मुक्ति दिवस
| Updated on: 17-Mar-2025 01:00 PM IST

Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन समेत कई देशों द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ को अनुचित बताते हुए 2 अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका अब उन देशों से आयात पर वही शुल्क लगाएगा, जो वे अमेरिकी निर्यात पर लगाते हैं। यह नीति अमेरिका के व्यापार संतुलन को सुधारने और घरेलू उद्योगों को समर्थन देने के उद्देश्य से अपनाई जा रही है।

रेसिप्रोकल टैरिफ की अवधारणा

ट्रंप प्रशासन की यह नई नीति 'रेसिप्रोकल टैरिफ' पर आधारित होगी, जिसका अर्थ यह है कि अमेरिका उन देशों के लिए समान शुल्क दरें निर्धारित करेगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर उच्च दरें लगाते हैं। यह टैरिफ दरें न केवल प्रत्यक्ष शुल्क बल्कि गैर-टैरिफ बाधाओं को भी ध्यान में रखकर तय की जाएंगी। चीन पर 20% टैरिफ और स्टील व एल्युमीनियम पर 25% शुल्क पहले ही लगाया जा चुका है।

इसके अलावा, ट्रंप ने प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों के सीईओ से यह भी कहा है कि वे कनाडा और मैक्सिको से उत्पादन हटाकर अमेरिका में स्थानांतरित करें, जिससे घरेलू उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा मिले।

'2 अप्रैल: अमेरिकी व्यापार के लिए नया अध्याय'

रविवार को दिए अपने संबोधन में ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका के लिए एक 'मुक्ति दिवस' करार दिया। उन्होंने कहा कि यह वह दिन होगा जब अमेरिका उस धन का कुछ हिस्सा वापस पाएगा, जिसे पहले की सरकारों ने अनुचित व्यापार समझौतों के कारण गंवा दिया था।

ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका ऑटोमोबाइल, स्टील और एल्युमीनियम उद्योगों में अतिरिक्त शुल्क लगाएगा। इसके अलावा, यदि कोई देश गैर-आर्थिक तरीकों से अमेरिकी उत्पादों को अपने बाजार से बाहर करने की कोशिश करता है, तो अमेरिका भी उसी प्रकार की कार्रवाई करेगा।

वैश्विक व्यापार पर प्रभाव

अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने दूसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में ट्रंप ने भारत, चीन, यूरोपीय संघ (EU), ब्राजील, मैक्सिको और कनाडा सहित कई देशों का नाम लिया, जिन पर अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार करने का आरोप लगाया गया।

विशेष रूप से, भारत पर 100% से अधिक ऑटो टैरिफ लगाने का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने यह संकेत दिया कि अमेरिका अब अपनी व्यापारिक नीतियों में कठोर रुख अपनाएगा। उन्होंने कहा कि दशकों से अमेरिका पर अधिक शुल्क लगाए जाते रहे हैं, लेकिन अब अमेरिका जवाबी कार्रवाई करेगा।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और संभावित चुनौतियां

इस नीति से वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ने की संभावना है। भारत, चीन और यूरोपीय संघ जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी जवाबी कदम उठा सकती हैं, जिससे व्यापार युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साथ ही, अमेरिकी कंपनियों और उपभोक्ताओं पर भी इस नीति का प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि विदेशी वस्तुओं के महंगे होने से घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं।

अमेरिकी सरकार का यह निर्णय व्यापार संतुलन को पुनः स्थापित करने का प्रयास है, लेकिन इसके दूरगामी प्रभावों का आकलन करना अभी बाकी है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य देश इस नीति पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं और वैश्विक व्यापार समीकरण किस दिशा में बढ़ता है।

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