Donald Trump News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार अपने उस बयान को लेकर जिसमें उन्होंने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव को उन्होंने व्यापार के माध्यम से सुलझाया है। ट्रंप ने यह टिप्पणी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान की।
ट्रंप ने कहा, “अगर आप देखें कि हमने पाकिस्तान और भारत के साथ क्या किया — हमने उस पूरे मामले को सुलझा दिया है, और मुझे लगता है कि मैंने इसे व्यापार के माध्यम से सुलझाया है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका दोनों देशों के साथ बड़े व्यापारिक सौदे कर रहा है।
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर सैन्य तनाव देखने को मिला जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिससे दोनों देशों के बीच लगातार चार दिन तक सैन्य मुठभेड़ चली। 10 मई को दोनों देशों ने अचानक पूर्ण संघर्ष विराम की घोषणा की।
ट्रंप का दावा है कि यह संघर्ष विराम अमेरिका की मध्यस्थता का नतीजा है। उन्होंने कहा कि यह उनके द्वारा किए गए रणनीतिक व्यापारिक वार्तालाप और सौदों के कारण संभव हो पाया। ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि "मुझे यह कहने में नफरत है कि हमने यह सुलझाया और दो दिन बाद फिर कुछ हुआ, और लोग कहते हैं कि यह ट्रंप की गलती है।”
जब ट्रंप ने पाकिस्तान की तारीफ करते हुए वहां के नेताओं को “महान” बताया, तो दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने चुटकी लेते हुए कहा, “मोदी साझा दोस्त हैं।” ट्रंप इस दौरान मुस्कराए, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच संतुलन बनाए रखने की उनकी रणनीति पर एक बार फिर सवाल उठे।
ट्रंप का यह बयान कोई नई बात नहीं है। वे पहले भी सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया पर इस प्रकार के दावे कर चुके हैं। इससे पहले भी जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर था, ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के आधिकारिक घोषणाओं से पहले ही यह दावा कर दिया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को शांत करने में अहम भूमिका निभाई है।
ट्रंप के इस दावे पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, “ट्रंप को हर बात का श्रेय लेने की आदत है। यह भारत के खिलाफ कुछ नहीं है, यह सिर्फ ट्रंप का ट्रंप होना है।” उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप अक्सर किसी मुद्दे पर गहराई से समझे बिना बयान दे देते हैं, जिससे कूटनीतिक संतुलन में बाधा आ सकती है।