Trump-Putin Meeting: पुतिन को ट्रंप ने वार्ता से पहले दे डाली चेतावनी, बोले- ' नहीं बनी बात तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम'

Trump-Putin Meeting - पुतिन को ट्रंप ने वार्ता से पहले दे डाली चेतावनी, बोले- ' नहीं बनी बात तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम'
| Updated on: 14-Aug-2025 11:20 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलास्का में शुक्रवार को होने वाली अमेरिका-रूस शिखर वार्ता से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कड़ा संदेश दिया है। ट्रंप ने कहा है कि यदि पुतिन यूक्रेन में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए संघर्ष विराम समझौते पर सहमत नहीं हुए, तो उन्हें "बहुत गंभीर परिणाम" भुगतने पड़ेंगे। यह बयान ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं के साथ बुधवार को हुई एक ऑनलाइन बैठक के दौरान दिया, जिसकी पुष्टि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने की। मैक्रों ने बताया कि ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका इस शिखर सम्मेलन में एक ठोस संघर्ष विराम समझौता चाहता है।

जेलेंस्की का पुतिन पर पलटवार

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्रंप-पुतिन वार्ता से पहले रूस के इरादों पर सवाल उठाए हैं। जेलेंस्की ने कहा कि पुतिन इस बैठक से पहले जानबूझकर गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुतिन यूक्रेनी मोर्चों पर दबाव बढ़ाकर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि रूस पूरे यूक्रेन पर कब्जा करने में सक्षम है। जेलेंस्की ने कहा, "पुतिन प्रतिबंधों के प्रभाव को भी कमतर आंक रहे हैं। वह ऐसा दिखा रहे हैं जैसे इनका रूस पर कोई असर नहीं पड़ रहा, लेकिन सच्चाई यह है कि ये प्रतिबंध रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं, जिसका युद्ध पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।"

ट्रंप और जेलेंस्की के पुराने बयान

इससे पहले भी ट्रंप ने रूस के साथ होने वाली इस मुलाकात को लेकर आत्मविश्वास जताया था। उन्होंने कहा था कि वह मुलाकात के पहले दो मिनट में ही समझ जाएंगे कि कोई समझौता संभव है या नहीं। दूसरी ओर, जेलेंस्की ने भी इस वार्ता से पहले पुतिन की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन डोनेत्स्क के उस 30 प्रतिशत हिस्से से भी पीछे हट जाए, जो अभी यूक्रेन के नियंत्रण में है। जेलेंस्की ने इसे रूस की आक्रामक रणनीति का हिस्सा बताया।

ट्रंप ने बाइडेन को ठहराया जिम्मेदार

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा, "यह युद्ध बाइडेन की नीतियों का नतीजा है। अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता। मैं अब इसे ठीक करने आया हूं।" ट्रंप का यह बयान उनकी उस रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वह इस मुद्दे को अपने प्रशासन की प्राथमिकता बताते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं।

अलास्का वार्ता का महत्व

अलास्का में होने वाली यह वार्ता वैश्विक कूटनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अमेरिका और रूस के बीच तनाव को कम करने और यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम हो सकता है। हालांकि, पुतिन की रणनीति और ट्रंप की सख्ती को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों नेता किसी ठोस समझौते पर पहुंच पाते हैं।

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