PM Modi China Visit: ट्रंप की मोदी-जिनपिंग की मुलाकात पर नजर, क्या है SCO समिट का एजेंडा?

PM Modi China Visit - ट्रंप की मोदी-जिनपिंग की मुलाकात पर नजर, क्या है SCO समिट का एजेंडा?
| Updated on: 30-Aug-2025 08:40 PM IST

PM Modi China Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे के बाद अब चीन के तियानजिन पहुंच चुके हैं, जहां वे 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में हिस्सा लेंगे। इस दौरान PM मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और अन्य वैश्विक नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। यह यात्रा 2018 के बाद उनकी पहली चीन यात्रा है, जो भारत के राष्ट्रीय हितों, क्षेत्रीय शांति, और वैश्विक विकास को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

SCO समिट का महत्व

SCO समिट का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक भू-राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास संघर्ष, और दक्षिण एशिया व एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ता सुरक्षा तनाव इस समिट को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। इसके अलावा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ की धमकी ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। इस पृष्ठभूमि में, SCO समिट चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, जहां वे चीन को ग्लोबल साउथ को एकजुट करने वाले देश के रूप में पेश कर सकते हैं।

SCO के सदस्य देश विश्व की 43% आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के 23% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस समिट में 20 से अधिक विदेशी नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल होंगे, जिनमें रूस, ईरान, पाकिस्तान, बेलारूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, म्यांमार, नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया, और मालदीव के नेता शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और आसियान महासचिव काओ किम होर्न भी इस आयोजन में भाग लेंगे।

SCO की स्थापना और उद्देश्य

SCO की शुरुआत 1996 में शंघाई फाइव के रूप में हुई थी, जब चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, और ताजिकिस्तान ने कोल्ड वॉर के बाद सीमा विवादों को सुलझाने के लिए इसकी स्थापना की थी। 2017 में भारत और पाकिस्तान को सदस्यता मिली, और 2023 में ईरान व 2024 में बेलारूस को शामिल किया गया। संगठन के 14 डायलॉग पार्टनर्स में सऊदी अरब, मिस्र, तुर्की, म्यांमार, श्रीलंका, और कंबोडिया जैसे देश शामिल हैं। SCO का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

समिट के प्रमुख मुद्दे

1. वैश्विक व्यापार और टैरिफ

अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ की धमकी के बाद भारत SCO समिट में चीन और यूरेशिया के अन्य देशों के साथ मजबूत साझेदारी की संभावनाएं तलाश सकता है। यह समिट वैश्विक व्यापार युद्ध के बीच एक वैकल्पिक आर्थिक गठजोड़ को मजबूत करने का अवसर प्रदान कर सकती है।

2. भू-राजनीतिक तनाव

रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष जैसे मुद्दों पर SCO के सदस्य देशों में एकरूपता की कमी देखी गई है। भारत ने यूक्रेन युद्ध पर संतुलित रुख अपनाया है, जिसमें उसने युद्ध समाप्त करने की मांग की है, साथ ही रूस से तेल खरीद को भी जारी रखा है। वहीं, गाजा में इजराइल के सैन्य अभियानों और ईरान पर हमलों को लेकर भी SCO देशों के बीच मतभेद हैं। पिछले साल भारत ने SCO के संयुक्त बयान का समर्थन करने से इनकार कर दिया था, जिसमें ईरान पर इजराइली हमले की निंदा की गई थी।

3. भारत-पाकिस्तान तनाव

SCO के दो प्रमुख सदस्य देशों, भारत और पाकिस्तान, के बीच तनाव भी समिट में चर्चा का विषय हो सकता है। भारत ने हाल ही में पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का आरोप लगाया है, जिसे इस्लामाबाद ने खारिज कर दिया है।

वैश्विक नजरिया

अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिका SCO समिट पर करीबी नजर रखेगा, खासकर भारत और चीन के बीच होने वाली बातचीत पर। ट्रंप ने ग्लोबल साउथ के संगठनों, जैसे कि ब्रिक्स, की आलोचना की है और SCO को भी कमजोर करने की धमकी दी है। यह समिट भारत द्वारा आयोजित होने वाली आगामी क्वाड समिट (जिसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, और अमेरिका शामिल हैं) के लिए भी माहौल तैयार कर सकती है।

बीजिंग में सैन्य परेड

SCO समिट के बाद 3 सितंबर को बीजिंग में एक विशाल सैन्य परेड आयोजित होगी, जिसमें रूस, बेलारूस, और इंडोनेशिया के नेता शामिल हो सकते हैं। उत्तर कोरिया के किम जोंग उन के भी इस परेड में शामिल होने की संभावना है। हालांकि, PM मोदी इस परेड में हिस्सा नहीं लेंगे।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।