Hurricane Melissa: तूफान मेलिसा से तबाह जमैका और क्यूबा ने भारत को कहा 'शुक्रिया', मानवीय मदद की सराहना
Hurricane Melissa - तूफान मेलिसा से तबाह जमैका और क्यूबा ने भारत को कहा 'शुक्रिया', मानवीय मदद की सराहना
कैरिबियाई देशों में आए भीषण तूफान मेलिसा ने भारी तबाही मचाई है, जिससे जमैका और क्यूबा जैसे देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और इस मुश्किल घड़ी में भारत ने 'वसुधैव कुटुंबकम' की अपनी प्राचीन भावना का प्रदर्शन करते हुए तत्काल मानवीय सहायता भेजी है। भारत की इस त्वरित और महत्वपूर्ण मदद के लिए दोनों देशों ने दिल से आभार व्यक्त किया है, यह कहते हुए कि वे इस सहायता को कभी नहीं भूलेंगे। इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका को और मजबूत किया है, खासकर दक्षिण-दक्षिण सहयोग के संदर्भ में।
तूफान मेलिसा का विनाशकारी कहर
तूफान मेलिसा को पिछले 150 सालों में कैरिबियाई क्षेत्र में आया सबसे खतरनाक तूफान माना जा रहा है। इस प्राकृतिक आपदा ने जमैका, क्यूबा और हैती में बड़े पैमाने पर विनाश किया है। तूफान के कारण भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुए, जिससे सैकड़ों लोगों की जान चली गई और लाखों लोग बेघर हो गए। इमारतों का ढहना एक आम दृश्य था, और पश्चिमी जमैका में तो लगभग 50 लाख। मीट्रिक टन मलबा जमा हो गया, जो लगभग 5 लाख बड़े ट्रकों के बराबर है। इस विनाशकारी तूफान ने जमैका की जीडीपी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा बर्बाद कर दिया है। हैती और जमैका में अब तक 75 से अधिक मौतें दर्ज की जा चुकी हैं,। और संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि लाखों लोग अभी भी मदद की आस में हैं। ऐसे में भारत की तत्काल सहायता ने इन देशों के लोगों के लिए आशा की किरण जगाई है।भारत की तत्काल मानवीय सहायता
भारत ने तूफान से प्रभावित जमैका और क्यूबा को तत्काल मानवीय सहायता भेजी है। इस सहायता पैकेज में BHISHM मेडिकल ट्रॉमा यूनिट, आवश्यक दवाएं, बिजली के जनरेटर, टेंट,। बिस्तर, किचन किट, हाइजीन किट और सोलर लैंप जैसी कई महत्वपूर्ण वस्तुएं शामिल थीं। भारतीय वायुसेना का एक विशेष C-17 विमान 20 टन राहत सामग्री लेकर इन देशों तक पहुंचा। यह सहायता 6 नवंबर को जमैका और क्यूबा पहुंची, जिससे राहत कार्यों में तेजी लाने में मदद मिली। भारत का यह कदम संकटग्रस्त देशों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और वैश्विक एकजुटता को दर्शाता है।क्यूबा का हृदय से आभार
भारत में क्यूबा के राजदूत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारत सरकार और जनता के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने ट्वीट में विदेश मंत्रालय (@MEAIndia), वायुसेना, सरकार और भारत की जनता को धन्यवाद दिया। राजदूत ने विशेष रूप से तूफान मेलिसा से प्रभावित पूर्वी प्रांतों के लोगों की मदद के लिए भेजे गए मेडिकल सामान, उपकरण और दो BHISHM हॉस्पिटल का उल्लेख किया। उन्होंने इस सहायता को 'भाईचारा' का प्रतीक बताया। हवाना में स्थित भारतीय दूतावास ने भी इस बात की पुष्टि की कि भारतीय वायुसेना का विशेष विमान 20 टन राहत सामग्री लेकर क्यूबा। पहुंचा, जिसमें BHISHM मेडिकल ट्रॉमा यूनिट, आवश्यक दवाएं, बिजली के जनरेटर, टेंट, बिस्तर, किचन किट, हाइजीन किट और सोलर लैंप जैसी चीजें शामिल थीं। दूतावास ने अपने संदेश में कहा, 'वसुधैव कुटुंबकम की भावना से भारत क्यूबा के लोगों के साथ खड़ा है।जमैका की विदेश मंत्री की भावुक प्रतिक्रिया
जमैका की विदेश मंत्री कामिना जॉनसन स्मिथ ने भी X पर एक लंबा और भावुक संदेश पोस्ट किया और उन्होंने लिखा कि 'वसुधैव कुटुंबकम' सिर्फ भारत के G-20 की थीम नहीं थी, बल्कि यह 'साउथ-साउथ कोऑपरेशन' का असली नजरिया है, जिसमें इंसान सबसे ऊपर हैं। उन्होंने अपने अच्छे दोस्त विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को दिल से धन्यवाद दिया और तूफान मेलिसा से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए भारत द्वारा की गई इस बड़ी कोशिश की सराहना की। जमैका को भेजी गई सहायता में सोलर लैंप, जनरेटर, मेडिकल सामान, BHISHM मॉड्यूलर ट्रॉमा किट, बाढ़ वाले इलाकों के लिए रिमोट कंट्रोल डिलीवरी सिस्टम और महिलाओं के लिए खास हाइजीन किट शामिल थे और यह विस्तृत सहायता पैकेज जमैका की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।भारत की निरंतर प्रतिबद्धता और प्रशिक्षण सहायता
विदेश मंत्री स्मिथ ने अपने संदेश में यह भी उल्लेख किया कि भारत की मेडिकल टीम कुछ दिनों तक जमैका में रहेगी और नई मशीनों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगी। उन्होंने 'वैक्सीन मैत्री' पहल को याद करते हुए कहा कि भारत की यह मदद भी हमेशा याद रखी जाएगी। इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया, 'आपके गर्मजोशी भरे शब्दों के लिए शुक्रिया मंत्री @kaminajsmith। मुश्किल घड़ी में भारत जमैका की जनता के साथ है, जैसे पहले भी खड़ा रहा। ' किंग्स्टन में भारतीय दूतावास ने पुष्टि की कि 6 नवंबर को भारतीय वायुसेना का C-17 विमान 20 टन राहत सामग्री लेकर जमैका पहुंचा था। जमैका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मदद से राहत कार्यों में तेजी आएगी और प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता मिलेगी। यह दर्शाता है कि भारत केवल सामग्री सहायता ही नहीं, बल्कि ज्ञान और कौशल साझा। करने में भी विश्वास रखता है, जिससे प्राप्तकर्ता देशों की दीर्घकालिक क्षमता का निर्माण हो सके।