देश: क्या ट्रेलर है उदयपुर हत्याकांड? भारत में ऐसे पनप रही ISIS की टेरर फैक्ट्री

देश - क्या ट्रेलर है उदयपुर हत्याकांड? भारत में ऐसे पनप रही ISIS की टेरर फैक्ट्री
| Updated on: 29-Jun-2022 07:05 PM IST
Udaipur Murder Case: उदयपुर में बर्बर हत्याकांड के बाद एक बार फिर भारत में ISIS के बढ़ते नेटवर्क की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का प्रभाव बढ़ा है. देश में मुस्लिमों की आबादी लगभग 170 मिलियन यानी 17 करोड़ से अधिक है. भारत इंडोनेशिया के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है. यहां मुस्लिम आबादी का जिक्र करना इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि आतंक और धर्मिक नफरत फैलाने के लिए ISIS हमेशा मुस्लिम युवाओं को टारगेट करता रहा है. हाल की घटनाओं के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत हमेशा जिहादी आतंकी संगठनों के रडार पर है और इसका खतरा अब कई गुना बढ़ गया है.

हमेशा से ISIS का टारगेट रहा भारत 

भारत हमेशा से ISIS और अल कायदा का प्रमुख लक्ष्य रहा है. देश में अक्सर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हिंसक झड़पें सामने आती रहती हैं. ये आतंकी संगठन इन हिंसक झड़पों का फायदा उठाते हैं और नफरत फैलाने की पूरी कोशिश करते हैं. हमेशा से देखा गया है कि आतंकी संगठन जिहादी कट्टरपंथ और आतंकियों की भर्ती के लिए भारत को निशाना बनाते रहे हैं.

इस्लामिक स्टेट की इस लिस्ट में भारत शामिल

इस्लामिक स्टेट के ठिकानों की सूची में भारत पहले से ही 19 क्षेत्रों में शामिल है. भारत के खिलाफ मजबूत होने के लिए इस्लामिक स्टेट पहले से ही भारत विरोधी आतंकवादी समूहों के साथ गठजोड़ करना जारी रखा है, जिसके चलते देश में ISIS करा खतरा बढ़ गया है. ISIS ने भारत को खुरासान राज्य में बदलने की कसम खाई है और खुरासान का नक्शा भी प्रकाशित किया जा चुका है. इस्लामिक स्टेट के खुरासान प्रांत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत के कुछ हिस्सों और आसपास के अन्य देशों को कवर करता है.

क्या है खुरासान?

अलकायदा के भारत में टेरर ब्रांच के विस्तार के ऐलान के चार महीने बाद ISIS द्वारा खुरासान प्रांत के विस्तार की घोषणा सामने आई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक खुरासान को ऐसे क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है जहां लोग हथियार उठाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. 

भारत में ISIS का बढ़ता प्रभाव?

भारत में ISIS के बढ़ते प्रभाव का एक प्रमाण यह भी है कि बीते साल इस आतंकी संगठन ने इराक में कदम रखते ही हिंदी, उर्दू, तमिल और भारत में बोली जाने वाली अन्य भाषाओं में भर्ती सामग्री प्रकाशित की थी. तब कम से कम चार भारतीयों के ISIS में शामिल होने के लिए इराक जाने की रिपोर्ट्स सामने आई थी. इसे लेकर अधिकारियों ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भी जारी किया था. इस बीच इस्लामिक स्टेट के प्रभाव के संकेत कश्मीर में भी देखने को मिले हैं. हाल फिलहाल में भारत में युवा मुसलमानों के कट्टरपंथी होने के कुछ मामले भी सामने आए हैं.

भारत को लेकर ISIS की धमकियां 

2020 की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) ने वॉयस ऑफ हिंद नामक एक भारत-केंद्रित प्रचार सामग्री प्रकाशित की थी. कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने वाले हिंदुओं को मारने की धमकी दी थी. आतंकी संगठन ने 'वॉयस ऑफ हिंद' के मार्च एडिशन में कहा था कि हमारी बहनों के सम्मान पर नजर रखने वाले हर कायर हिंदू को बेरहमी से टुकड़ों में काट दिया जाएगा. हाल के महीनों में भारतीय मुसलमानों को गिरफ्तार किए जाने और मध्य पूर्व से वापस भेजे जाने की कई रिपोर्टें सामने आई हैं. 

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