कोरोना अलर्ट: कोरोना के खिलाफ जंग में अन्य देशों की मदद करने के लिए UN ने किया भारत को सलाम

कोरोना अलर्ट - कोरोना के खिलाफ जंग में अन्य देशों की मदद करने के लिए UN ने किया भारत को सलाम
| Updated on: 18-Apr-2020 12:25 PM IST
न्यूयॉर्क। कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ जारी जंग में भारत (India) ने न सिर्फ अपने यहां लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए स्थितियों को नियंत्रण में रखा है, साथ ही वो लगातार पड़ोसी देशों और कोरोना से बुरी तरह प्रभावित देशों की मदद भी कर रहा है। इन प्रयासों को देखकर संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) ने भी भारत को सलाम किया है और कहा है कि बाकी देशों को भी सीखना चाहिए कि मुश्किल समय में कैसे बाकी बातें भूलकर रहत कार्य पर ध्यान देना चाहिए।

गुतारेस का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में भारत ने अमेरिका समेत कई देशों को कोरोना वायरस संक्रमण का संभावित उपचार मानी जा रही मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति की थी। अमेरिका का खाद्य एवं औषधि प्रशासन इस दवा का न्यूयॉर्क में 1500 से ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमित लोगों पर परीक्षण कर रहा है। भारत द्वारा इसके निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किये जाने के बाद बीते कुछ दिनों में इस दवा की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है।

जो भी देश दूसरे की मदद कर सकता है करे

UN चीफ एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, 'वायरस के खिलाफ इस जंग में महासचिव एकजुटता का आह्वान करते हैं और इसका आशय यह है कि जो भी देश अन्य देशों की मदद करने की स्थिति में है उसे ऐसा करना चाहिए। हम भारत समेत उन देशों को सलाम करते हैं जो ऐसा कर रहे हैं।' उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत द्वारा अन्य देशों को भेजी जा रही दवाओं और अन्य सामग्रियों से जुड़े सवाल के जवाब में इसे 'शानदार कदम' बताया।

बता दें कि भारत ने मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है जिसे कोविड-19 के संभावित इलाजके तौर पर देखा जा रहा है। भारत कोरोना वायरस से प्रभावित 55 देशों को सहायता और वाणिज्यिक आधार पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति करने की प्रक्रिया में है। अमेरिका समेत कुछ अन्य देशों तक यह आपूर्ति पहुंच भी गई है। भारत ने अभी तक अमेरिका, सेशेल्स, मॉरिशस को ये दवा भेज दी है। इसके आलावा अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार को भी ये दवा भेजी जा रही है। पड़ोसी देशों के आलावा जांबिया, मेडागास्कर, युगांडा, बुर्किना फासो, नाइजर, माली, कांगो, मिस्र, अर्मेनिया, कजाकिस्तान, इक्वाडोर, जमैका, सीरिया, यूक्रेन, चाड, फ्रांस, केन्या, नीदरलैंड ने भी भारत से इस दवा की मांग की है।

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