Sanjeevani Scam: केंद्रीय मंत्री शेखावत की संजीवनी घोटाले में मुश्किलें बढ़ीं- एसओजी ने माना आरोपी

Sanjeevani Scam - केंद्रीय मंत्री शेखावत की संजीवनी घोटाले में मुश्किलें बढ़ीं- एसओजी ने माना आरोपी
| Updated on: 28-Apr-2023 08:06 PM IST
Sanjeevani Scam: बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश एप्लिकेशन को स्वीकार कर लिया है। यह एप्लिकेशन शेखावत को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की ओर से संजीवनी घोटाला मामले में आरोपी मानने के लिए लगाई गई थी। मामले में अगली सुनवाई 30 मई को होगी।

सरकार ने संशोधित एप्लिकेशन पेश की

सरकार की ओर से हाईकोर्ट में आदेश संशोधन प्रार्थना-पत्र दाखिल किया गया था। पहले एसओजी ने संजीवनी घोटाले में शेखावत को आरोपी नहीं बनाया था, इसमें संशोधन करते हुए एसओजी ने शेखावत को इस मामले में आरोपी बनाया और फिर सरकार ने कोर्ट में एप्लिकेशन पेश की, जिसे आज स्वीकार किया गया है।

27 अप्रैल को भी इस मामले में सुनवाई हुई थी। हालांकि समय अभाव के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी। शुक्रवार को हुई सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच ने सरकार की ओर से दाखिल एप्लिकेशन को मंजूर कर लिया।

पहले नहीं माना था आरोपी

13 अप्रैल को राज्य सरकार की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले में जिरह करते हुए कहा था कि शेखावत को SOG की एफआईआर में न तो आरोपी माना है और न ही गिरफ्तार कर रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

इस आदेश के बाद उसी दिन एप्लिकेशन में संशोधन के लिए प्रार्थना-पत्र पेश किया गया। सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऑनलाइन होने से ब्रीफिंग के समय सही से समझा नहीं सके।

यह भी कहा कि कोर्ट में एसओजी के जांच अधिकारी भी मौजूद थे। तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार शेखावत आरोपी हैं। इसके लिए संशोधन पत्र पेश किया गया, जिसे आज स्वीकार कर लिया गया है।

15 दिन पहले मिली थी कोर्ट से राहत

इससे पूर्व 28 मार्च और 3 अप्रैल को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग और प्रवीर भटनागर की बेंच ने सुनवाई पर इनकार कर दिया था। 13 अप्रैल गुरुवार को हुई सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर ने शेखावत को राहत देते हुए एसओजी व राजस्थान में कहीं भी दर्ज एफआईआर पर उनकी संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और 3 सप्ताह बाद दोबारा सुनवाई के लिए कहा था।

इसके बाद इस मामले में आज सुनवाई हुई, जिसमें राज्य सरकार की ओर से दी गई एप्लिकेशन को स्वीकार कर लिया गया।

संजीवनी मामले पर गहलोत और शेखावत आमने-सामने

संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आमने-सामने हैं। 21 फरवरी को सीएम ने शेखावत समेत उनके परिवार को इस घोटाले का आरोपी बताया था। इसके बाद शेखावत ने मार्च के पहले सप्ताह में गहलोत के खिलाफ दिल्ली की कोर्ट में मानहानि केस दायर किया था।

 शेखावत ने CM को रावण कहा

चुनावी साल में भाजपा-कांग्रेस नेताओं के बयान में तल्खी बढ़ती जा रही है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत को राजस्थान की राजनीति का रावण बता दिया तो गहलोत भी पलटवार करने से नहीं चूके और कहा- 'संजीवनी घोटाले में वह जल्दी जेल जा सकता है।'

गुरुवार को चित्तौड़गढ़ में बीजेपी की जनआक्रोश रैली में शेखावत ने सीएम और कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा। गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने भाषण के आखिर में कहा- राजस्थान में राजनीति के इस रावण अशोक गहलोत को समाप्त करना चाहते हो तो भुजाएं उठाओ।

राजस्थान में राम राज्य की स्थापना के लिए संकल्प कीजिए। उन्होंने अपने भाषण के दौरान पेपर लीक और करप्शन पर सरकार को घेरते हुए कहा- बीजेपी सरकार आने पर इसकी सीबीआई जांच होगी।

गहलोत ने कहा- गजेंद्र सिंह के दोस्त जेल में बैठे हैं, गजेंद्र कभी भी जेल जा सकता है

गजेंद्र के इस बयान पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा- 'गजेंद्र सिंह शेखावत और बीजेपी नेता मेरे बारे में अब अपशब्द कह रहे हैं। मेरे बारे में कह रहे हैं अशोक गहलोत रावण है। अरे भाई तूने लूट लिया। पैसे खाकर बैठ गए, उनके मित्र जेलों में बैठे हैं। गजेंद्र सिंह भी कभी भी जेल जा सकता है, ऐसी नौबत है।

वो कहता था कि मुल्जिम हूं ही नहीं। जब मुल्जिम नहीं हो तो जमानत के लिए हाईकोर्ट क्यों गए? तुम कितनी ही जमानत करवा लो, या तो वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे या पीएम ऐसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करे। चलो मैं रावण हूं। संजीवनी पीड़ित ढाई लाख लोगों के पैसे अपनी प्राॅपर्टी बेचकर चुका दो, मैं तुम्हें राम कहूंगा।

भाजपा वाले मुझ पर चाहे जितने पत्थर फेंक ले, मैं उनसे स्कूल बनाऊंगा, अस्पताल बनाऊंगा, यही मेरी सोच है।'

क्या है संजीवनी घोटाला

राजस्थान सोसायटी एक्ट के तहत साल 2008 में संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी को रजिस्टर्ड कराया गया था। बाड़मेर में शुरुआत हुई थी। साल 2010 में ये सोसायटी मल्टी स्टेट सोसायटी हो गई थी। 12 साल में ही 230 से ज्यादा शाखाएं खुल गईं थी।

इसके प्रबंध निदेशक विक्रम सिंह मास्टरमाइंड है, जो जेल में बंद है। 1 लाख लोगों से 900 करोड़ की ठगी की गई। फर्जी लोन बांटे और ब्याज नहीं लिया। कुछ निवेशकों ने शिकायत की तो राजस्थान एसओजी को मामला सौंपा। हजारों खाते फर्जी पाए गए। आरोप है कि विक्रम ने निवेशकों का पैसा ऐसी कंपनी के शेयर खरीदने में लगाया, जिसके शेयर होल्डर गजेंद्र सिंह भी थे।

चुनावी साल में भाजपा-कांग्रेस नेताओं के बयान में तल्खी बढ़ती जा रही है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत को राजस्थान की राजनीति का रावण बता दिया तो गहलोत भी पलटवार करने से नहीं चूके और कहा- 'संजीवनी घोटाले में वह जल्दी जेल जा सकता है।'

बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोपों में घिरे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए संजीवनी घोटाले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने एसओजी व राजस्थान में कहीं भी दर्ज एफआईआर पर गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए हैं।

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