देश: किसानों का पक्ष लेने वाले राहुल गांधी ने 300 पुलिस कर्मियों के लिए एक शब्द नहीं कहा: स्मृति ईरानी

देश - किसानों का पक्ष लेने वाले राहुल गांधी ने 300 पुलिस कर्मियों के लिए एक शब्द नहीं कहा: स्मृति ईरानी
| Updated on: 29-Jan-2021 09:47 PM IST
नई दिल्ली | केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की ओर से संवाददाता सम्मेलन में केंद्र सरकार पर किए गए हमले को लेकर पलटवार किया है। ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी शांति की अपील करने के बजाय, अराजक तत्वों से देश में आग लगाने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का पक्ष लेने की बात कहने वाले राहुल गांधी ने दिल्ली हिंसा में घायल हुए 300 पुलिस कर्मियों के लिए एक भी शब्द नहीं कहा।

ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी न केवल यह चाहते हैं कि कानून-व्यवस्था तहस-नहस हो जाए, बल्कि वह तिरंगे का अपमान और देश को तोड़ने की हिमाकत करने वाले अराजक तत्वों का भी समर्थन करते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी ने यह कहकर भारतीय लोगों के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है कि अगर प्रधानमंत्री ने उनके रूख का समर्थन नहीं किया तो शहर जल जाएंगे।

इसके साथ ही स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि हैरान करने वाली बात है कि राहुल गांधी 300 से अधिक घायल पुलिसकर्मियों के लिए हमदर्दी में एक शब्द नहीं बोले, हालांकि उनसे यही उम्मीद थी।

दरअसल, राहुल गांधी ने अपनी प्रेस वार्ता में कृषि कानूनों का विरोध किया था और इन कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश की कृषि व्यवस्था को बर्बाद कर देना चाहती है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस पर  लाल किले पर हुए किसानों के बवाल पर उन्होंने सवाल उठाया था कि किसानों को लाल किले के अंदर जाने की अनुमति किसने और क्यों दी। उन्होंने कहा कि केंद्र कितनी भी कोशिशें कर ले यह आंदोलन रुकेगा नहीं और किसान इसे शहरों में ले जाएंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को ये नहीं समझना चाहिए कि ये आंदोलन यहां रुक जाएगा। ये आंदोलन शहरों किसानों से शहरों के अंदर जाएगा। केवल किसान गुस्सा नहीं है। हिंदुस्तान में लाखों युवा हैं, जिनसे इन्हीं पांच-दस लोगों और पीएम ने रोजगार छीना है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो इससे देश का नुकसान होगा। देश में जो अस्थिरता की स्थिति बनी है उससे नुकसान होगा। इसलिए सरकार को आगे आना चाहिए, किसानों से बात करनी चाहिए और इस मामले का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए।

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