UPI-TIPS Interlinking: UPI-TIPS इंटरलिंकिंग: भारत-यूरोप के बीच तेज़ और सस्ते भुगतान का नया युग
UPI-TIPS Interlinking - UPI-TIPS इंटरलिंकिंग: भारत-यूरोप के बीच तेज़ और सस्ते भुगतान का नया युग
भारत और यूरोप के बीच भुगतान प्रणालियों के एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जहाँ भारत का। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) यूरोप के सबसे बड़े भुगतान सिस्टम TIPS (Target Instant Payment Settlement) के साथ जुड़ने जा रहा है। यह इंटरलिंकिंग दोनों क्षेत्रों के बीच वित्तीय लेनदेन में क्रांति लाने की क्षमता रखती है, जिससे क्रॉस-बॉर्डर भुगतान पहले से कहीं अधिक तेज़, सस्ता और सुरक्षित हो जाएगा। यह पहल न केवल लाखों भारतीयों और यूरोपीय नागरिकों के लिए सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि वैश्विक डिजिटल भुगतान परिदृश्य में भारत की बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करती है।
तत्काल रेमिटेंस की सुविधा
UPI-TIPS इंटरलिंकिंग का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि भारत और यूरोप के बीच रेमिटेंस (विदेश से भेजे गए पैसे) लगभग तुरंत पहुंच सकेंगे। वर्तमान में, अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रांसफर में अक्सर कई दिन लग जाते हैं और इसमें कई मध्यस्थ बैंक शामिल होते हैं, जिससे प्रक्रिया धीमी और जटिल हो जाती है और इस नए सिस्टम के साथ, यूरोप में रहने वाले भारतीय अपने परिवारों को भारत में या इसके विपरीत, कुछ ही सेकंड में पैसे भेज पाएंगे। यह सुविधा उन लाखों परिवारों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी जो नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन भेजते और प्राप्त करते हैं, जिससे वित्तीय तरलता और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित पहुंच सुनिश्चित होगी।बैंक चार्ज और फॉरेक्स फीस में कमी
अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में अक्सर उच्च बैंक चार्ज और प्रतिकूल फॉरेक्स (विदेशी मुद्रा) फीस एक बड़ी चिंता का विषय होती है और uPI-TIPS इंटरलिंकिंग का उद्देश्य इन लागतों को काफी कम करना है। पारंपरिक बैंकिंग चैनलों की तुलना में, UPI एक लागत प्रभावी समाधान प्रदान करता है, और TIPS। के साथ इसके एकीकरण से सीमा पार लेनदेन के लिए भी यही लाभ मिलने की उम्मीद है। यह कमी न केवल व्यक्तियों के लिए बल्कि छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए भी महत्वपूर्ण बचत लाएगी जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करते हैं। कम लेनदेन लागत से अधिक धन प्राप्तकर्ता तक पहुंचेगा, जिससे आर्थिक लाभ में वृद्धि होगी।यूरोप में रहने वाले भारतीयों को सीधा लाभ
यूरोप के विभिन्न देशों में लाखों भारतीय रहते हैं, जो वहां काम करते हैं, पढ़ाई करते हैं या व्यवसाय करते हैं और यह इंटरलिंकिंग सीधे तौर पर इन भारतीयों को लाभ पहुंचाएगी। वे अब भारत में अपने खातों से या अपने भारतीय बैंक खातों से जुड़े UPI के माध्यम से यूरोप में भुगतान कर सकेंगे, और आसानी से भारत में पैसे भेज सकेंगे और यह उन्हें अपने वित्तीय लेनदेन के लिए एक परिचित और कुशल प्रणाली का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे उन्हें स्थानीय यूरोपीय भुगतान प्रणालियों के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता कम होगी। यह वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा देगा और उनके दैनिक जीवन को सरल बनाएगा।भारतीय पर्यटकों के लिए आसान भुगतान
भारतीय पर्यटकों के लिए भी यह एक बड़ी राहत होगी जो यूरोप के कई देशों की यात्रा करते हैं और uPI के माध्यम से भुगतान की सुविधा उन्हें नकदी ले जाने या केवल क्रेडिट/डेबिट कार्ड पर निर्भर रहने की आवश्यकता को कम करेगी। वे रेस्तरां, दुकानों, होटलों और अन्य सेवाओं के लिए सीधे अपने मोबाइल फोन से भुगतान कर सकेंगे, जैसा कि वे भारत में करते हैं और यह यात्रा के अनुभव को अधिक सहज और सुरक्षित बनाएगा, क्योंकि उन्हें विदेशी मुद्रा विनिमय की जटिलताओं या कार्ड धोखाधड़ी के जोखिमों के बारे में कम चिंता करनी होगी। यह सुविधा भारतीय पर्यटन को भी बढ़ावा दे सकती है, जिससे यूरोप एक अधिक आकर्षक गंतव्य बन जाएगा।G20 एजेंडा का महत्वपूर्ण हिस्सा
UPI पहले से ही सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), फ्रांस, मॉरीशस, भूटान और नेपाल सहित कई देशों में स्वीकार किया जा रहा है। यूरोप के सबसे बड़े भुगतान सिस्टम TIPS से जुड़ना इस डिजिटल नेटवर्क को और भी बड़ा बना देगा। यह भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति की सफलता का प्रमाण है और दर्शाता। है कि कैसे एक घरेलू नवाचार वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता प्राप्त कर रहा है। यह विस्तार UPI को एक प्रमुख वैश्विक भुगतान प्रणाली के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो दुनिया भर में वित्तीय कनेक्टिविटी को मजबूत कर रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्पष्ट किया है कि यह पहल G20 के उस रोडमैप से जुड़ी है, जिसका लक्ष्य दुनिया भर में सस्ते, तेज़ और सुरक्षित क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स को बढ़ावा देना है और भारत ने अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान UPI को वैश्विक बनाने पर विशेष जोर दिया था, और अब उसके परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। यह एकीकरण G20 देशों के बीच वित्तीय सहयोग और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली को अधिक समावेशी और कुशल बनाने के भारत के दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है।आगे की राह और तकनीकी एकीकरण
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को वास्तविकता बनाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) अब तकनीकी एकीकरण, जोखिम प्रबंधन और सेटलमेंट सिस्टम पर मिलकर काम करेंगे और इन पहलुओं पर सावधानीपूर्वक कार्य करना यह सुनिश्चित करेगा कि UPI-TIPS इंटरलिंकिंग सुचारू, सुरक्षित और कुशल तरीके से संचालित हो। इसमें दोनों प्रणालियों के बीच संगतता सुनिश्चित करना, संभावित जोखिमों को पहचानना और कम करना, और लेनदेन के लिए एक विश्वसनीय निपटान तंत्र स्थापित करना शामिल है और इन प्रयासों से जल्द ही इस क्रांतिकारी भुगतान प्रणाली को शुरू किया जा सकेगा, जिससे भारत और यूरोप के बीच वित्तीय संबंधों का एक नया अध्याय शुरू होगा।