Manmohan Singh: अमेरिकी विदेश मंत्री ने दी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि, बताई याद करने की वजहे

Manmohan Singh - अमेरिकी विदेश मंत्री ने दी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि, बताई याद करने की वजहे
| Updated on: 27-Dec-2024 10:20 AM IST
Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनिया भर से श्रद्धांजलि संदेश आ रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उनके नेतृत्व व योगदान की प्रशंसा की।

ब्लिंकन की श्रद्धांजलि: भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती देने वाला नेतृत्व

ब्लिंकन ने डॉ. मनमोहन सिंह को भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक बताया। उन्होंने कहा, "डॉ. सिंह ने भारत में आर्थिक सुधारों को गति देने और अमेरिका-भारत संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में हुए अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते ने यह संकेत दिया कि दोनों देशों के बीच संबंध और भी मजबूत हो सकते हैं।"

ब्लिंकन ने कहा कि डॉ. सिंह का योगदान भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की नींव रखने में अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा, "हम उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा भारत और अमेरिका को करीब लाने के लिए किए गए समर्पण को हमेशा याद रखेंगे।"

भारत में आर्थिक सुधारों के अग्रदूत

डॉ. मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में याद किया जाता है। ब्लिंकन ने कहा कि उनके द्वारा किए गए सुधारों ने भारत को तेज आर्थिक विकास की ओर अग्रसर किया। उन्होंने कहा, "डॉ. सिंह ने भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद की।"

मनमोहन सिंह: राजनीति और कूटनीति के स्तंभ

1932 में पंजाब में जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह एक विद्वान अर्थशास्त्री और दूरदर्शी नेता थे। उन्होंने 1991 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में उदारीकरण की नीतियों की शुरुआत की, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण किया।
दो कार्यकालों तक भारत के प्रधानमंत्री रहने वाले डॉ. सिंह ने 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए को हराकर कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद पदभार संभाला। उनके प्रधानमंत्री रहते भारत ने विकास, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और घरेलू स्थिरता के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कीं।

घर पर बेहोश होने के बाद एम्स में निधन

डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली के एम्स में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह घर पर अचानक बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया। अस्पताल के अनुसार, "उनका इलाज उम्र संबंधी बीमारियों के लिए चल रहा था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।"

33 वर्षों का संसदीय योगदान

डॉ. सिंह ने 33 वर्षों तक राज्यसभा सांसद के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह 2024 की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए। उनका राजनीतिक जीवन और कूटनीतिक योगदान भारतीय राजनीति के स्वर्णिम अध्यायों में दर्ज रहेगा।

दुनिया भर से मिल रही श्रद्धांजलि

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से न केवल भारत, बल्कि वैश्विक समुदाय ने एक ऐसे नेता को खो दिया है, जिसने अपनी विद्वता और शांत नेतृत्व के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विकास के नए आयाम स्थापित किए। अमेरिका समेत कई देशों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके योगदान को सलाम किया।

डॉ. सिंह का जीवन प्रेरणा का स्रोत है। उनकी नीतियां, दृष्टिकोण, और नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।

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