अमेरिका: बंदूक हिंसा रोधी विधेयक को बाइडेन की मंजूरी, कहा- जीवन की रक्षा होगी

अमेरिका - बंदूक हिंसा रोधी विधेयक को बाइडेन की मंजूरी, कहा- जीवन की रक्षा होगी
| Updated on: 25-Jun-2022 10:00 PM IST
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को पिछले कुछ दशकों के काफी अहम माने जा रहे बंदूक हिंसा रोधी विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए। इस विधेयक को डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों राजनीतिक दलों का समर्थन मिला। टेक्सास में एक प्राथमिक विद्यालय में एक बंदूकधारी की ओर से 19 छात्रों और दो शिक्षकों की हत्या किए जाने की घटना के बाद देश में हथियार खरीदने संबंधी एक कड़े कानून के लिए सरकार पर दबाव था। स्कूल की घटना सहित हाल में हुईं गोलीबारी की सिलसिलेवार घटनाओं से पहले इस तरह के किसी विधेयक को अकल्पनीय माना जा रहा था।

बाइडेन ने विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद व्हाइट हाउस में कहा, 'इससे लोगों के जीवन की रक्षा होगी। गोलीबारी की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों का संदेश था कि हम कुछ करें। आज हमने यह कर दिया।' गुरुवार को इस विधेयक को अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट से और शुक्रवार को निचले सदन प्रतिनिधि सभा से मंजूरी मिल गई थी। अब बाइडेन के हस्ताक्षर करने के साथ ही यह विधेयक एक कानून बन गया है।

यूरोप रवाना होने से पहले बाइडेन ने दी मंजूरी

बाइडेन ने यूरोप में दो शिखर सम्मेलनों के लिए वाशिंगटन से रवाना होने से ठीक पहले विधेयक पर हस्ताक्षर किए। 13 अरब डॉलर के इस विधेयक के तहत कम उम्र के बंदूक खरीदारों की पृष्ठभूमि की कड़ी जांच की जाएगी और राज्यों को खतरनाक समझे जाने वाले लोगों से हथियार वापस लेने का अधिकार दिया जाएगा। इसके अलावा विद्यालयों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य औक हिंसा की रोकथाम के स्थानीय कार्यक्रमों को निधि मुहैया कराई जाएगी। अमेरिका को हिलाकर रख देने वाली गोलीबारी की घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में यह कानून अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बंदूक हिंसा के खिलाफ कुछ दशकों का सबसे बड़ा कदम

देश में बंदूक हिंसा के खिलाफ उठाया गया सांसदों का पिछले कुछ दशकों में यह सबसे बड़ा कदम है। रिपब्लिकन पार्टी हथियारों की बिक्री पर रोक लगाने के डेमोक्रेटिक प्रयासों को सालों से बाधित कर रही थी, लेकिन न्यूयॉर्क और टेक्सास में हुई गोलीबारी की घटनाओं के मद्देनजर डेमोक्रेटिक पार्टी के अलावा कुछ रिपब्लकिन सांसदों ने इस बार फैसला किया कि इस संबंध में संसद की निष्क्रियता अब स्वीकार्य नहीं है। दो सप्ताह तक चली बातचीत के बाद दोनों दलों के सांसदों के एक समूह ने यह विधेयक पेश करने संबंधी समझौता किया, ताकि बंदूक हिंसा को रोका जा सके।

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