बिज़नेस: 8 असफल प्रयासों के बाद मुंबई में विजय माल्या का 'किंगफिशर हाउस' ₹52 करोड़ में बिका

बिज़नेस - 8 असफल प्रयासों के बाद मुंबई में विजय माल्या का 'किंगफिशर हाउस' ₹52 करोड़ में बिका
| Updated on: 14-Aug-2021 03:39 PM IST
मुंबई: अंतत: विजय माल्या को कर्ज देने वालों को कभी विजय माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस के मुख्यालय रहे  किंगफिशर हाउस (Kingfisher House) को बेचने में सफलता मिल गई है। किंगफिशर हाउस को 52 करोड़ रुपये में हैदराबाद स्थित एक डेवलपर को बेचा गया है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद स्थित Saturn Realtors ने इस प्रॉपर्टी को ऑरिजनल आस्किंग प्राइस से बहुत कम भाव पर खरीदा है।

गौरतलब है कि विजय माल्या के लेंडरों ने इसके पहले भी कई बार इस प्रॉपर्टी को बेचने की कोशिश की थी लेकिन उनको इसमें सफलता नहीं मिली थी। शुरुआत में इस प्रॉपर्टी के लिए बैंकों ने तमाम शर्तों के साथ काफी भारी रिजर्व प्राइस तय कर रखी थी। जिसकी वजह से यह प्रॉपर्टी नहीं बिक रही थी।

रियल एस्टेट इंडस्ट्रीज के एक्सपर्ट्स के मुताबिक चूंकि किंगफिशर हाउस मुंबई एयरपोर्ट से काफी दूर स्थित है इस वजह से इस प्रॉपर्टी के डेलवपमेंट का बहुत ज्यादा स्कोप नजर नहीं आ रहा था। इसके चलते ही इतनी बड़ी कीमत पर इसको कोई खरीदने के लिए तैयार नहीं था। इसलिए अब से पहले इस प्रॉपर्टी को बेचने के लिए किए गए प्रयास असफल रहे थे।

यह प्रॉपर्टी मुंबई के विलेपार्ले में मुंबई एयरपोर्ट के पास स्थित है। विजय माल्या को कर्ज देने वाले बैंकों ने मार्च 2016 में 150 करोड रुपये की रिजर्व प्राइस के साथ इस प्रॉपर्टी को बेचने की कोशिश की थी। इसके बाद भी इस प्रॉपर्टी को बेचने के कई असफल प्रयास किए गए थे। इन असफल प्रयासों के बाद अब जाकर कहीं  सफलता मिली है।

बतां दें कि विजय माल्या विलफुल डिफॉल्टर घोषित किए गए हैं और 2012 में बंद हुई किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े लोन डिफॉल्ट  में भारत सरकार  इंग्लैड से उनके प्रत्यपर्ण की कोशिश में लगी हुई है।

बता दें कि विजय माल्या को लंदन हाईकोर्ट ने इस साल जुलाई में दिवालिया घोषित कर दिया था। इस फैसले के बाद भारतीय बैंक विजय माल्या के संपत्ति पर आसानी से कब्जा कर सकेंगे औऱ उसको बेच भी सकेंगे।

गौरतलब है कि माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस (Kingfisher Airlines) की सेवाएं जारी रखने के लिए एसबीआई और दूसरे बैंकों से 9,990 रुपये का कर्ज  लिया था। फिर किंगफिशर की हालत बिगड़ने के बाद कंपनी डूब गई थी और माल्या यह पैसा बैंकों को नहीं लौटा सका।

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