बॉलीवुड: 'सरकारें इस फिल्म को टैक्स फ्री नहीं करती तो भड़क जाते वोटर्स'

बॉलीवुड - 'सरकारें इस फिल्म को टैक्स फ्री नहीं करती तो भड़क जाते वोटर्स'
| Updated on: 24-Mar-2022 10:11 PM IST
बॉलीवुड | 'द कश्मीर फाइल्स' के बाद विवेक अग्निहोत्री की जिंदगी बदल गई है। यह बात उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान कही। फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है, राजनीति हो रही है और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है। फिल्म देखने के बाद कई कश्मीरी पंडितों के वीडियोज वायरल हो रहे हैं। कुछ रोते दिखाई दे रहे हैं तो कुछ अपनी आपबीती सुनाते। इस बीच विवेक अग्निहोत्री को  'वाई' कैटिगरी की सिक्योरिटी मिल गई है। विवेक ने अब बताया है कि उन्हें सुरक्षा क्यों दी गई है। साथ ही यह भी कहा कि उनकी मंश किसी समुदाय की छवि खराब करना नहीं है। उनकी फिल्म का विलन सिर्फ आतंकवाद है।

बोले जबरन दी गई सिक्योरिटी

उन्होंने बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में बताया कि फिल्म की सक्सेस के बाद उन्हें धमकियां मिल रही थीं। वह बताते हैं, हाल ही में दो लड़के मेरे ऑफिस में घुस गए थे। उस वक्त मेरी वाइफ और मैं वहां नहीं थे। सिर्फ मैनेजर थीं जो कि एक मिडिल एज महिला हैं। उन लोगों ने उनको धक्का दिया तो वह गिर गईं और पूछा कि हम लोग कहां हैं। मैंने इस घटना का जिक्र नहीं किया क्योंकि मैं ऐसे लोगों को पब्लिसिटी नहीं देना चाहता। मैं सिक्योरिटी के लिए मना भी किया था लेकिन वे लोग नहीं माने और कहा कि लेनी ही पड़ेगी।

बताई टैक्स फ्री होने की वजह

विवेक से जब कहा गया कि लोग कहते हैं कि फिल्म को टैक्स फ्री इसलिए किया गया क्योंकि विवेक बीजेपी के करीबी हैं। इस पर विवेक ने जवाब दिया, नहीं यह सच नहीं है। सरकार को फिल्म की प्रासंगकिता पता पता है। अगर वे फिल्म टैक्स-फ्री नहीं करेंगे तो वोटर्स विद्रोह कर देंगे। 

बोले ऐंटी मुस्लिम नहीं है फिल्म

फिल्म पर ऐंटी-मुस्लिम होने का आरोप लगने पर विवेक बोले, हमारी मंशा कभी किसी समुदाय की छवि खऱाब करने की नहीं थी। फिल्म में मैं तो पाकिस्तान तक के खिलाफ नहीं बोला हूं। मुझे लगता है कि दर्शक इतने समझदार हैं कि समझ गए होंगे कि द कश्मीर फाइल्स में मेन विलन आतंकवाद है। मेरी फिल्म में एक लाइन है जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम दूसरी कम्युनिटीज के साथ हिंदू भी आतंकवाद का शिकार हुए हैं। 

खोला एक सीन का सीक्रेट

विवेक ने एक सीक्रेट भी खोला। फिल्म में शिकारा वाला एक सीन दिखाया गया है जिसमें एक कश्मीरी दर्शन को बताता है कि वह इस सिचुएशन के बारे में क्या सोचता है। वह असली कश्मीरी मुस्लिम लड़का था जो कि श्रीनगर में रहता है। उस सीन में उसने अपनी असली भावनाएं बोली हैं। अगर फिर भी लोग कहते हैं कि यह मुस्लिमों के खिलाफ फिल्म है तो यह सिर्फ कोरी राजनीति है।

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