Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक तरक्की में सबसे बड़ा क्या है रोड़ा? IMF ने बताया

Pakistan Economic Crisis - पाकिस्तान की आर्थिक तरक्की में सबसे बड़ा क्या है रोड़ा? IMF ने बताया
| Updated on: 14-Oct-2024 05:00 PM IST
Pakistan Economy Crisis: हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 7 बिलियन डॉलर (लगभग 588 अरब रुपये) के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी। हालांकि, इस आर्थिक मदद के साथ IMF ने कई कड़े नियम और शर्तें लागू कीं, जिनके तहत पाकिस्तान सरकार को 6 मंत्रालयों को बंद करना पड़ा, जिससे लगभग 1.5 लाख लोगों की नौकरियां चली गईं। अब, IMF ने पाकिस्तान सरकार के सामने एक और महत्वपूर्ण शर्त रखी है, जो पाकिस्तान के कृषि और कपड़ा उद्योग के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकती है।

विशेष छूटों पर रोक की मांग

IMF ने पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वह कृषि और कपड़ा उद्योग को किसी भी तरह की विशेष टैक्स छूट या संरक्षण देना बंद करे। IMF का मानना है कि इन सेक्टर्स को दी गई विशेष छूटों के कारण पाकिस्तान की संभावित आर्थिक वृद्धि अवरुद्ध हो रही है। IMF की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का कृषि और कपड़ा क्षेत्र, जो लंबे समय से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं, अब अप्रभावी हो चुके हैं और यह देश की विकास दर में पर्याप्त योगदान देने में असमर्थ हैं।

कृषि और कपड़ा क्षेत्र के लिए IMF की सख्त राय

IMF की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि और कपड़ा सेक्टर, जो पाकिस्तान के निर्यात में प्रमुख स्थान रखते हैं, सरकार द्वारा दी जा रही टैक्स छूट और अन्य सुविधाओं के बावजूद देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में असफल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा पब्लिक फंड का उपयोग इन सेक्टर्स पर हो रहा है, जबकि यह क्षेत्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने में नाकाम रहा है। इसके चलते अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश की कमी हो रही है, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक साबित हो रही है।

आर्थिक नीति में बदलाव की आवश्यकता

IMF ने पाकिस्तान की 75 साल पुरानी आर्थिक व्यवस्था में बदलाव की सिफारिश की है। IMF के अनुसार, कृषि और कपड़ा उद्योग को मिल रही रियायतें और टैक्स छूट पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही हैं। 26 सितंबर को IMF ने पाकिस्तान के लिए 7 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमें से 1 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इस राहत पैकेज के तहत पाकिस्तान को अगले 39 महीनों में किश्तों में राशि मिलेगी, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को IMF की शर्तों का पालन करना होगा।

पाकिस्तान की धीमी प्रगति का कारण: ‘रूढ़िवाद’

IMF की 10 अक्टूबर की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में आर्थिक रूढ़िवाद (स्टैग्नेशन) ने देश के विकास को रोक रखा है, जिससे वहां की 40.5 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है। यह स्थिति पाकिस्तान को अन्य देशों की तुलना में बेहद पीछे रख रही है।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पाकिस्तान का निर्यात अधिकतर कृषि और कपड़ा उत्पादों पर केंद्रित रहा है, जिनमें सूती धागे, चावल, बुने हुए कपड़े, बीफ और चमड़े की वस्तुएं शामिल हैं। इन क्षेत्रों पर अत्यधिक ध्यान देने के कारण देश का ध्यान अधिक तकनीकी और जटिल संसाधनों की ओर नहीं जा सका, जिससे उसकी निर्यात क्षमता सीमित रह गई।

कृषि पर अधिक ध्यान से पिछड़ा पाकिस्तान

IMF का कहना है कि पाकिस्तान का अत्यधिक कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना देश की आर्थिक विविधता को सीमित कर रहा है। इसके कारण पाकिस्तान वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (Global Value Chains) में अपनी भागीदारी को प्रभावी रूप से नहीं बढ़ा पाया है। पाकिस्तान ने उच्च-मूल्यवान वस्तुओं जैसे दवाइयां, मेडिकल उपकरण, और प्लास्टिक उत्पादों का निर्यात तो किया है, लेकिन ये उद्योग आर्थिक अस्थिरता और नीतिगत चुनौतियों के चलते बड़े पैमाने पर प्रभावी नहीं हो सके हैं।

कपड़ा उद्योग को मिली छूट का सीमित लाभ

IMF की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कपड़ा उद्योग को दी गई टैक्स छूटों के बावजूद यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में पर्याप्त योगदान नहीं कर सका है। 2007 से 2022 के बीच कपड़ा उद्योग को काफी सब्सिडी और वित्तीय रियायतें मिलीं, फिर भी इसका उत्पादन और निर्यात अपेक्षित स्तर तक नहीं बढ़ सका। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक का 70% बकाया लोन भी कपड़ा उद्योग से जुड़ा है, जिससे आर्थिक संतुलन बिगड़ रहा है।

नई टैरिफ नीति में बदलाव का सुझाव

IMF ने पाकिस्तान सरकार को आगामी नेशनल टैरिफ पॉलिसी (2025-29) के अंतर्गत ट्रेड पॉलिसी को सरल बनाने और अप्रभावी सेक्टरों को दी जा रही विशेष छूटों को समाप्त करने का सुझाव दिया है। IMF का मानना है कि पाकिस्तान की मौजूदा नीतियों ने उसके निर्यात प्रदर्शन को कमजोर कर दिया है और उसे वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में प्रभावी भागीदार बनने से रोक दिया है।

निष्कर्ष

IMF द्वारा पाकिस्तान को दिया गया राहत पैकेज जहां देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, वहीं इसके साथ आई सख्त शर्तें पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं। खासकर कृषि और कपड़ा जैसे प्रमुख सेक्टरों को मिलने वाली विशेष छूटों पर रोक लगाने की शर्तें, सरकार के लिए एक कठिन निर्णय होंगी। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान इन शर्तों को किस तरह अपनाता है और कैसे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाता है।

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