IND vs PAK: जब भारत-पाक मैच की इजाजत है तो स्वागत पर इतना बवाल क्यों हो रहा है?

IND vs PAK - जब भारत-पाक मैच की इजाजत है तो स्वागत पर इतना बवाल क्यों हो रहा है?
| Updated on: 13-Oct-2023 06:00 AM IST
IND vs PAK: उत्सकुता, उत्साह और रोमांच…भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी क्रिकेट मैच की ये तीन अलग-अलग स्टेज हैं. इनकी शुरुआत मैच के ऐलान से होती है और मैच के अंत तक चलती हैं. दोनों देशों के बीच राजनीतिक रिश्ते जैसे भी हों, भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट मैच (अब सिर्फ वर्ल्ड कप और एशिया कप में) को लेकर हर फैन इन चरणों से गुजरता है. ये सब एक-एक कर खत्म होते जाते हैं लेकिन इन तीनों स्टेज के अलावा भी एक स्टेज है, जो लगातार चलती रहती है, हर दम जिसकी वजहें बदलती जाती हैं. ये स्टेज है- विवाद. भारत और पाकिस्तान का कोई भी मुकाबला विवाद के बिना कभी पूरा नहीं हो सका है. वर्ल्ड कप 2023 में 14 अक्टूबर को होने वाले मुकाबले से पहले भी यही स्थिति बनी हुई है.

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शनिवार 14 अक्टूबर को वर्ल्ड कप के मुकाबले में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे. क्रिकेट जगत की सबसे बड़ी टक्कर के लिए मंच भी दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम को बनाया गया है. इस मुकाबले के लिए पाकिस्तानी टीम बुधवार 11 अक्टूबर को ही अहमदाबाद पहुंची थी, जहां हयात रेजेंसी होटल में पहुंचने पर उनका खास स्वागत हुआ था. सभी खिलाड़ियों को स्पेशल साफा पहनाया गया, उन पर गुलाब की पंखुड़ियां डाली गईं, उनके सामने लोकनृत्य भी हुआ और साथ ही होटल में प्रवेश के दौरान ढोल भी बजे. अब इस डांस और ढोल बजने पर ही लोगों को आपत्ति होने लगी है. क्या ये आपत्ति सही है? क्या ऐसा होना चाहिए?

पहले इन विवादों पर डालिए नजर

इन सवालों के जवाब देने से पहले थोड़ा इस मुकाबले को लेकर चले आ रहे अलग-अलग विवादों के बारे में थोड़ा बताते हैं. सबसे पहले तो इस मैच के होने पर ही कुछ महीनों पहले तक सवाल बना हुआ था. भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड के बीच एशिया कप के आयोजन को लेकर हुए टकराव के बाद एक वक्त इस मुकाबले पर संदेह के बादल मंडरा रहे थे. ये विवाद तो खत्म हो गया लेकिन बड़ा बवाल तो उस दिन से हुआ जब पाकिस्तानी टीम वर्ल्ड कप के लिए हैदराबाद पहुंची थी और एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत हुआ था. देश में कई लोगों को ये सब रास नहीं आया और उनकी देशभक्ति पर सवाल उठे. यहां तक कि बीसीसीआई भी निशाने पर आई.

12 दिन तक पाकिस्तानी टीम यहीं रही थी और उन्हें यहां जबरदस्त सपोर्ट भी मिला. यहां तक कि पाकिस्तान ने जब श्रीलंका के खिलाफ 345 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल किया तो उस दौरान भी स्टेडियम में नारे लग रहे थे- “जीतेगा भई जीतेगा.पाकिस्तान जीतेगा”. कुछ उत्साही फैंस ने तो पाकिस्तान का झंडा भी लहराया. अब इस पर तो आपत्ति होनी ही थी और फिर से बवाल मचा कि क्यों नहीं ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होती.

क्या स्वागत पर हंगामा जायज है?

अब सबसे ताजा विवाद पर लौटते हैं. क्या पाकिस्तानी टीम को अहमदाबाद के होटल में ऐसा गर्मजोशी भरा स्वागत मिलना चाहिए था? इसका सीधा जवाब है- क्यों नहीं? ये जवाब इसलिए स्पष्ट है क्योंकि पाकिस्तान को वर्ल्ड कप में खेलने के लिए भारत ने ही बुलाया है. भारत की तरफ से ही पाकिस्तानी टीम और उसके सपोर्ट स्टाफ को आने की इजाजत मिली थी. पाकिस्तान ने तो एशिया कप के विवाद के दौरान ही कह दिया था कि उनके मैच भारत के बजाए किसी दूसरे देश में कराए जाएं. इसके बावजूद आईसीसी और भारतीय बोर्ड ने ही उनकी मांगों को खारिज किया था.

यानी खुद अगर भारत ने पाकिस्तान को न्योता दिया और अगर आपने किसी को न्योता दिया है तो भारतीय संस्कृति तो यही कहती है कि मेहमान का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए. सिर्फ इतना ही नहीं, होटल में पाकिस्तानी टीम का ऐसा स्वागत उस होटल मैनेजमेंट का अपना खुद का फैसला था. वो बीसीसीआई या भारत सरकार से जुड़ा हुआ फैसला नहीं था और न ही उस पर कोई एक्शन लिया जा सकता है. सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि सभी टीमें जिन-जिन शहरों में खेलने गई हैं, वहां के होटल अलग-अलग अंदाज में स्वागत कर रहे हैं.

सवाल तो इस दोहरे रवैये पर होना चाहिए

सवाल उठता है बीसीसीआई के उस फैसले पर, जिसने हर किसी को हैरान किया है. इस वर्ल्ड कप के लिए बीसीसीआई (या आईसीसी) ने उद्घाटन समारोह नहीं रखा था, जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी, जबकि कई फैंस इससे खुश ही नजर आए थे. लेकिन बीसीसीआई ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर जो विशेष आयोजन रखे हैं, वो वाकई चौंकाने वाला है. बीसीसीआई ने भारत-पाकिस्तान मैच से पहले अहमदाबाद स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

खबरें हैं कि बॉलीवुड सिंगर अरिजीत सिंह इस मौके पर परफॉर्मेंस देंगे और इसके अलावा भी अन्य कार्यक्रम होंगेय. बीसीसीआई ने खास तौर पर अमिताभ बच्चन और रजनीकांत जैसे बड़े सितारों को न्योता दिया है. बीसीसीआई ने ही हमेशा कहा है कि सरकार की नीतियों के कारण वो पाकिस्तान के साथ बाइलेटरल सीरीज नहीं खेल सकते और न ही पाकिस्तान जा सकते हैं. अगर यही नीति है तो इस मुकाबले के लिए इतना तमाशा करने की जरूरत क्या है? इसलिए सवाल आयोजकों के दोहरे व्यवहार पर होना चाहिए, न कि सामान्य शिष्टाचार पर.

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