Govardhan Puja 2023: कब है गोवर्धन पूजा? जानिए सही दिन, शुभ मुहूर्त और महत्व- श्रीकृष्ण को लगता है छप्पन भोग

Govardhan Puja 2023 - कब है गोवर्धन पूजा? जानिए सही दिन, शुभ मुहूर्त और महत्व- श्रीकृष्ण को लगता है छप्पन भोग
| Updated on: 13-Nov-2023 11:21 AM IST
Govardhan Puja 2023: दीपावली का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. दीपावली को हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इसके बाद गोवर्धन की पूजा की जाती है. यह पूजा हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है. इस दिन भगवान गोवर्धन यानी गिरिराज जी की पूजा का विधान है. साथ ही श्री कृष्ण की भी पूजा की जाती है. बता दें कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन भगवान को 56 भोग लगाया जाता है. इस दिन गोवर्धन परिक्रमा करने का भी बहुत बड़ा महत्व होता है. आचार्य राम गोपाल शुक्ला से जानते हैं कि इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व कब है और इसका शुभ मुहूर्त क्‍या है?

आचार्य राम गोपाल शुक्ला ने बताया कि सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा के त्योहार का बहुत बड़ा महत्व है. इस दिन भक्त भगवान श्री कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गौ माता की विशेष पूजा करते हैं. गोवर्धन पूजा श्री कृष्ण को समर्पित होती है. इसके साथ बताया कि इस दिन भक्तों को गोवर्धन पर्वत के साथ भगवान श्री कृष्ण की पसंदीदा गायों की पूजा करने पर भगवान का आशीर्वाद मिलता है.

कब से शुरू हुई गोवर्धन पूजा

हिंदू पौराणिक कथाओं अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र देवता के प्रकोप से वृन्दावन के लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था. इसके बाद से लोगों ने इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा के साथ-साथ भगवान कृष्ण की पूजा शुरू कर दी. साथ ही कान्हा को ‘गोवर्धनधारी’ और ‘गिरिरधारी’ नाम से संबोधित किया गया.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

आचार्य राम गोपाल शुक्ला के मुताबिक, गोवर्धन पूजा (14 नवंबर) को पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 52 मिनट तक है. पूजा की अवधि कुल 2 घंटे 9 मिनट की होगी. वहीं, इस दिन शोभन योग और अनुराधा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है. शोभन योग 14 नवंबर को सुबह से दोपहर 1 बजकर 7 मिनट तक है. वहीं, अनुराधा नक्षत्र सुबह से लेकर 15 नवंबर की रात 3 बजकर 24 मिनट तक है.

गोधन पूजा कैसे की जाती है? गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा के लिए घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है. उसे फूलों से सजाकर दीप, नैवेद्य, फल अर्पित किया जाता है. पूजा के बाद गोबर से गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पूजा और गायों को गुड़ चना खिलाने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं.

भगवान श्रीकृष्ण के लिए बनता है छप्पन भोग?

गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण के लिए छप्पन भोग बनाया जाता है. मान्यता है कि माता यशोदा बाल श्रीकृष्ण को एक दिन में आठ बार भोजन कराती थीं. इसलिए सात दिन के लिए आठ पहर के हिसाब से छप्पन तरह के पकवान तैयार किए जाते हैं. छप्पन भोग में मीठे, तीखे, खट्टे सभी तरह के व्यंजन शामिल होते हैं. इसमें चावल, दाल, चटनी, कढ़ी, शरबत, बाटी, मुरब्बा, मठरी, मिठाई, खुरमा, खीर, मक्खन, रबड़ी, मोहन भोग तक शामिल होते हैं.

मीठे में बनाएं मोहन भोग, बेहद आसान है रेसिपी

मोहन भोग रेसिपी

सामग्री

  • एक कप सूजी
  • आधा कप चीनी
  • एक कप दूध
  • आधा कप घी
  • तेजपत्ता
  • इलायची पाउडर
  • काटू और किशमिश
विधि

  • एक बर्तन में दूध, चीनी और इचायची पाउडर को आंच पर चढ़ाकर तब तक उबालें जब तक चीनी घुल न जाए.
  • दूसरी कड़ाही में सूजी को सुनहरा होने तक फ्राई करें.
  • अब उबले हुए दूध को सूजी में मिलाएं.
  • धीमी आंच पर पकाएं.
  • ड़ाई फ्रूट्स को घी में भूनें और मोहन भोग के ऊपर सजाएं.
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