Trump Currency War: चीन और जापान डोनाल्ड ट्रंप के डॉलर को क्यों डरा रहा हैं?

Trump Currency War - चीन और जापान डोनाल्ड ट्रंप के डॉलर को क्यों डरा रहा हैं?
| Updated on: 05-Mar-2025 06:00 AM IST

Trump Currency War: डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिकी राष्ट्रपति बने, तब से उनकी नीतियों और फैसलों को लेकर वैश्विक स्तर पर कई विवाद खड़े हुए हैं। हाल ही में ट्रंप ने चीन और जापान की मुद्राओं को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने इन देशों पर आरोप लगाया कि वे अपनी मुद्राओं के मूल्य को जानबूझकर गिरा रहे हैं, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।

अमेरिकी नीतियों से बढ़ा वैश्विक तनाव

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे निर्णय लिए, जिनसे वैश्विक व्यापार पर असर पड़ा। उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले ही मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लगाने की बात कही थी और इसे लागू भी कर दिया। इसके तहत अमेरिका में आयात होने वाले उत्पादों पर 25% तक का टैक्स लगाया गया। साथ ही, चीन से आने वाले उत्पादों पर भी 20% टैरिफ लगा दिया गया। इस फैसले के चलते ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता देखने को मिली और भारत सहित कई देशों के शेयर बाजार प्रभावित हुए।

डॉलर के मुकाबले चीन और जापान की मुद्रा

ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल (2018) में भी चीन और जापान पर अपनी मुद्राओं को कृत्रिम रूप से कमजोर करने का आरोप लगाया था। हाल ही में उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जापान के नेताओं से बात की और उन्हें स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि वे अपनी मुद्राओं का अवमूल्यन न करें। ट्रंप के अनुसार, यदि चीन और जापान अपनी मुद्रा को कमजोर रखते हैं, तो यह अमेरिकी निर्माताओं के लिए नुकसानदेह होगा और इसे रोकने के लिए अमेरिका टैरिफ बढ़ाने पर विचार करेगा।

मुद्रा अवमूल्यन के संभावित प्रभाव

यदि चीन और जापान अपनी मुद्रा को कमजोर बनाए रखते हैं, तो इसका सीधा फायदा इन देशों को होगा, क्योंकि उनकी निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। वहीं, अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे अमेरिकी उत्पादों की वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा घट सकती है। इसीलिए ट्रंप लगातार इन देशों को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं ताकि वे अपनी मुद्रा नीति में बदलाव करें।

टैरिफ की धमकी का असर

ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की धमकी के बाद जापानी येन डॉलर के मुकाबले अस्थिर हो गया और कुछ समय के लिए 148.60 तक पहुंच गया, जबकि इससे पहले यह 150 के स्तर पर था। वहीं, चीन ने भी अपनी मुद्रा को स्थिर करने के लिए विभिन्न प्रयास शुरू कर दिए हैं। यदि अमेरिका टैरिफ बढ़ाता है, तो इससे वैश्विक बाजार में अस्थिरता और बढ़ेगी, जिससे आम लोगों को महंगे उत्पादों का सामना करना पड़ेगा।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों और टैरिफ लगाने की रणनीति का वैश्विक बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। चीन और जापान के साथ बढ़ते आर्थिक तनाव से अमेरिका और अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, ट्रंप अपनी नीतियों को अमेरिका के हित में बता रहे हैं, लेकिन इसका दीर्घकालिक असर वैश्विक व्यापार पर निर्भर करेगा।

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