IND vs PAK: ऑपरेशन सिंदूर पूरा नहीं तो भारत-पाक मैच क्यों? पहलगाम हमले में मारे गए परिजन का सवाल

IND vs PAK - ऑपरेशन सिंदूर पूरा नहीं तो भारत-पाक मैच क्यों? पहलगाम हमले में मारे गए परिजन का सवाल
| Updated on: 14-Sep-2025 08:50 AM IST

IND vs PAK: दुबई में रविवार, 14 सितंबर 2025 को होने वाले एशिया कप 2025 के भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर उत्साह के साथ-साथ विवाद भी गहरा गया है। पहलवाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह पहली बार है जब दोनों टीमें क्रिकेट के मैदान पर आमने-सामने होंगी। हालांकि, इस मैच का आयोजन उन परिवारों के लिए दुख और गुस्से का कारण बन गया है, जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजनों को खोया है। पीड़ित परिवारों का मानना है कि जब तक भारत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जूझ रहा है, तब तक खेल के नाम पर कोई रिश्ता नहीं होना चाहिए।

पहलगाम हमले के घाव अभी ताजा

पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति और बेटे को खो चुकी किरण यतीश परमार ने इस मैच के आयोजन पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, "यह मैच बिल्कुल नहीं होना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहती हूं कि जब ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, तो फिर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच क्यों कराया जा रहा है? मैं देशवासियों से कहना चाहती हूं कि वे उन परिवारों से मिलें, जिन्होंने इस हमले में अपनों को खोया है। तभी उन्हें हमारे दर्द का अहसास होगा। हमारे घाव अभी भरे नहीं हैं।"

"मेरा 16 साल का भाई वापस लाओ"

पहलगाम हमले में अपने पिता और 16 साल के भाई को खो चुके सावन परमार ने भी इस मैच पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "अगर सच में मैच खेलना है, तो पहले मेरा 16 साल का भाई वापस लाकर दिखाइए, जिसे गोलियों से छलनी कर दिया गया था।" सावन ने आगे कहा, "जब हमें पता चला कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच होने जा रहा है, तो मन बहुत बेचैन हो गया। इस हमले में 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई। पाकिस्तान एक आतंकी देश है, और उससे किसी भी तरह का रिश्ता नहीं होना चाहिए।"

"ऑपरेशन सिंदूर का क्या मतलब?"

सावन ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी सवाल उठाए, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर अब हमें बेकार लगने लगा है। जब हम आतंकवाद से लड़ रहे हैं, तो फिर क्रिकेट के नाम पर रिश्ते क्यों बनाए जा रहे हैं?"

एक मुश्किल स्थिति

यह मैच न केवल खेल का मुद्दा है, बल्कि यह भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों और आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई का प्रतीक भी बन गया है। एक तरफ क्रिकेट प्रशंसक इस हाई-वोल्टेज मुकाबले का इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पीड़ित परिवारों का दर्द और गुस्सा इस आयोजन पर सवाल उठा रहा है। सरकार और क्रिकेट बोर्ड के सामने यह सवाल है कि क्या खेल को राजनीति और आतंकवाद के मुद्दों से अलग रखा जा सकता है, या यह समय है कि नीतियों पर पुनर्विचार किया जाए।

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