China-Pakistan Relations: चीन क्यों मेहरबान है पाकिस्तान पर? ऐसे लुटा रहा 43000 करोड़ का ‘प्यार’

China-Pakistan Relations - चीन क्यों मेहरबान है पाकिस्तान पर? ऐसे लुटा रहा 43000 करोड़ का ‘प्यार’
| Updated on: 22-Mar-2025 01:00 PM IST

China-Pakistan Relations: चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हाल ही में, चीन ने पाकिस्तान को दूसरी 'हैंगोर-क्लास' पनडुब्बी सौंपी है, जिससे अरब सागर और हिंद महासागर में पाकिस्तान की नौसैनिक शक्ति में वृद्धि होगी। यह पनडुब्बी उन्नत हथियार प्रणालियों और आधुनिक सेंसर तकनीक से लैस है, जो पाकिस्तान को समुद्री युद्धक क्षमता में बढ़त दिला सकती है।

5 अरब डॉलर की डील और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य ताकत

चीन और पाकिस्तान के बीच 8 'हैंगोर-क्लास' पनडुब्बियों की आपूर्ति के लिए 5 अरब डॉलर (लगभग 43,000 करोड़ भारतीय रुपये) की डील हुई है। इस समझौते के तहत अभी तक केवल दूसरी पनडुब्बी पाकिस्तान को मिली है, जिसे चीन के वुहान में लॉन्च किया गया। इस डील से पाकिस्तान की समुद्री शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे भारत के लिए नई सुरक्षा चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, चीन ग्वादर पोर्ट और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के माध्यम से पाकिस्तान में अपनी रणनीतिक पकड़ मजबूत कर रहा है।

चीन का पाकिस्तान पर ‘प्यार’: बढ़ता हथियार सहयोग

अगर चीन और पाकिस्तान के संबंधों की समीक्षा करें, तो यह स्पष्ट होता है कि चीन बीते कई वर्षों से पाकिस्तान को सैन्य और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर रहा है। 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान ने जितने भी हथियार आयात किए, उनमें से 81 प्रतिशत चीन से आए। यह आँकड़ा पिछले 5 वर्षों की तुलना में 74 प्रतिशत अधिक है, जो यह दर्शाता है कि पाकिस्तान तेजी से चीन पर निर्भर होता जा रहा है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के कुल हथियार आयात में चीन की हिस्सेदारी अब 63 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए गए हथियारों की कुल कीमत लगभग 5.3 अरब डॉलर तक आंकी गई है। यह सहयोग भारत के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है।

भारत के लिए सुरक्षा चुनौतियाँ और दक्षिण एशिया में अस्थिरता का खतरा

चीन और पाकिस्तान के बढ़ते सैन्य सहयोग से भारत के लिए सुरक्षा संबंधी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। पाकिस्तान को दी जा रही उन्नत पनडुब्बियाँ और अन्य सैन्य उपकरण भारत की समुद्री और थल सुरक्षा को कमजोर कर सकते हैं। यह न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है।

चीन-पाकिस्तान गठजोड़ से उत्पन्न खतरे को देखते हुए, भारत को अपनी सुरक्षा नीति को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत को अपने नौसैनिक और वायु शक्ति को उन्नत करने के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारियों को भी बढ़ाना होगा, जिससे इस बढ़ते खतरे का प्रभावी रूप से सामना किया जा सके।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।