IND vs ENG: इस खिलाड़ी के साथ ही आखिर क्यों हो रहा है ऐसा, ऐसे बैठे रहने से क्या फायदा

IND vs ENG - इस खिलाड़ी के साथ ही आखिर क्यों हो रहा है ऐसा, ऐसे बैठे रहने से क्या फायदा
| Updated on: 18-Jul-2025 08:40 AM IST

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में अब तक तीन मैच खेले जा चुके हैं, और दो मैच अभी बाकी हैं। भारतीय टीम का प्रदर्शन इस सीरीज में चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में मौका कब मिलेगा? यह सवाल न केवल प्रशंसकों के मन में है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के चयनकर्ताओं के लिए भी एक पहेली बन चुका है।

कुलदीप यादव का टेस्ट करियर: शानदार, पर सीमित

कुलदीप यादव ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया colorful against England, 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में डेब्यू किया था। आठ साल बीत जाने के बाद भी, कुलदीप केवल 13 टेस्ट मैच खेल पाए हैं। इतने कम मौकों में भी उन्होंने 56 विकेट लिए हैं, जिनमें उनका औसत 22.16 और इकॉनमी रेट 3.55 रहा है। यह आंकड़े उनकी काबिलियत को साफ दर्शाते हैं। फिर भी, उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

बल्लेबाजी की कमी: क्या यही है असली वजह?

टीम इंडिया इस सीरीज में दो स्पिनरों के साथ उतर रही है, लेकिन कुलदीप को रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के मुकाबले तरजीह नहीं मिल रही। माना जा रहा है कि इसका कारण उनकी बल्लेबाजी में कमजोरी है। भारतीय टीम प्रबंधन ऐसे गेंदबाज को प्राथमिकता दे रहा है, जो बल्ले से भी योगदान दे सके। जडेजा और सुंदर की ऑलराउंड क्षमता उन्हें इस दौड़ में आगे रखती है। लेकिन क्या यह कारण कुलदीप जैसे प्रभावी गेंदबाज को बाहर रखने के लिए पर्याप्त है?

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कुलदीप का बल्लेबाजी रिकॉर्ड

यह सच है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुलदीप की बल्लेबाजी के आंकड़े बहुत प्रभावशाली नहीं हैं। 13 टेस्ट में उन्होंने 199 रन बनाए हैं, यानी औसत करीब 13। लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके आंकड़े कहीं बेहतर हैं। 43 प्रथम श्रेणी मैचों में कुलदीप ने 1050 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और छह अर्धशतक शामिल हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि उनकी बल्लेबाजी पूरी तरह से कमजोर नहीं है। फिर भी, लगातार मौके न मिलने से वह अपनी प्रतिभा को टेस्ट क्रिकेट में पूरी तरह साबित नहीं कर पा रहे हैं।

सवाल जो अनुत्तरित हैं

कुलदीप यादव जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाज को बार-बार नजरअंदाज करना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा सवाल उठाता है। क्या केवल बल्लेबाजी की कमी के आधार पर एक विश्व स्तरीय स्पिनर को बाहर रखना उचित है? क्या चयनकर्ताओं को उनकी गेंदबाजी की ताकत पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए? ये सवाल न केवल कुलदीप के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भारतीय टीम की रणनीति और संतुलन पर भी सवाल उठाते हैं।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।