स्पोर्ट्स: वर्ल्ड कप में तीसरे नंबर के बल्लेबाजों ने 49% रन बनाए, 32 साल का रिकॉर्ड टूटा

स्पोर्ट्स - वर्ल्ड कप में तीसरे नंबर के बल्लेबाजों ने 49% रन बनाए, 32 साल का रिकॉर्ड टूटा
| Updated on: 18-Jul-2019 10:30 AM IST
खेल डेस्क. इस वर्ल्ड कप में टॉप ऑर्डर (1 से 3 नंबर के बल्लेबाज) ने 51% रन बनाए। यह वर्ल्ड कप इतिहास का नया रिकॉर्ड है। 2015 में 43%, 2011 में 48% और 2007 में 44.5% रन टॉप ऑर्डर ने बनाए थे। 400+ रन बनाने वाले बल्लेबाजों में सिर्फ बेन स्टोक्स ने ही टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी नहीं की। ओपनर्स ने इस बार 31%, तीसरे नंबर के बल्लेबाजों ने 49% और अन्य क्रम के बल्लेबाजों ने सिर्फ 20% रन बनाए। नंबर 3 के बल्लेबाज सबसे ज्यादा सफल रहे। इनका औसत 52.47 रहा। यह किसी भी वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा है। पिछली बार 1987 में नंबर-3 के बल्लेबाजों का औसत 43.40 था। यह रिकॉर्ड इस बार टूट गया।

दूसरी ओर नंबर-4 के बल्लेबाजों के लिए यह वर्ल्ड कप सही नहीं रहा। उनका औसत 34.97 ही रहा। पिछले चार वर्ल्ड कप में यह सबसे कम है। दूसरी ओर इस बार चार कप्तानों ने 50+ के औसत से रन बनाए। कप्तानों का औसत इस बार 42.94 रहा। 1975 वर्ल्ड कप में कप्तानों का औसत सबसे ज्यादा 49.14 था।

पिछले वर्ल्ड कप के मुकाबले इस बार रन रेट कम हुआ

टूर्नामेंट में इस बार 5.59 की रन रेट से स्कोर बना। यह पिछले वर्ल्ड कप के मुकाबले कम है। 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड की मेजबानी में खेले गए टूर्नामेंट में रन रेट 5.65 था। पिछले 12 साल में हर बार वर्ल्ड कप में रन बढ़ रहा था, लेकिन यह सिलसिला इस बार टूट गया। 2003 में 4.76, 2007 में 4.95 और 2011 में 5.03 की रन रेट से स्कोर बना।

बाएं हाथ के गेंदबाजों ने 136 विकेट लिए, यह किसी भी वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा

मिशेल स्टार्क ने 27 विकेट लिए। उन्होंने एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में ग्लेन मैक्ग्रा का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मैक्ग्रा ने 2007 में 26 विकेट लिए थे। टॉप-10 गेंदबाजों में स्टार्क के अलावा चार और बाएं हाथ के गेंदबाज शामिल हैं। बाएं हाथ के गेंदबाजों ने मिलकर 136 विकेट लिए। यह भी नया रिकॉर्ड है। 2015 वर्ल्ड कप में बाएं हाथ के गेंदबाजों ने 134 विकेट लिए थे।

इकोनॉमी के मामले में यह स्पिनर्स का सबसे खराब वर्ल्ड कप

स्पिन गेंदबाज इस वर्ल्ड कप में ज्यादा कामयाब नहीं हुए। उन्होंने कुल 136 विकेट लिए। उनका औसत 51.05 और इकोनॉमी रेट 5.41 रहा। सिर्फ 1979 में स्पिनर्स का औसत (65.25) इससे ज्यादा था। इकोनॉमी के मामले में यह स्पिनर्स के लिए सबसे खराब वर्ल्ड कप साबित हुआ। टॉप-17 गेंदबाजों में सभी पेसर ही हैं। युजवेंद्र चहल सबसे सफल स्पिनर साबित हुए। उन्होंने 12 विकेट अपने नाम किए। तेज गेंदबाजों ने 30.16 के औसत से 500 विकेट लिए।

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