देश: यशवंत सिन्हा होंगे राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार, कांग्रेस ने भी किया समर्थन
देश - यशवंत सिन्हा होंगे राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार, कांग्रेस ने भी किया समर्थन
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Updated on: 21-Jun-2022 05:01 PM IST
Delhi: राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लग गई है। एनसीपी नेता शरद पवार कि अध्यक्षता में विपक्षी दलों की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे। इससे पहले विपक्ष ने जिन तीन नामों को आगे किया था उन्होंने उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था। इनमें शरद पावर, फारूक अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी का नाम शामिल था। यशवंत सिन्हा ने पहले ही पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि समय आ गया है कि अब वह एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करें। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम सभी विपक्षी दलों ने मिलकर फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा हमारे उम्मीदवार होंगे। रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा एक योग्य प्रत्याशी हैं। वह भारत की धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक तानेबाने को मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें दुख है कि मोदी सरकार राष्ट्रपति उम्मीदवार पर एक राय बनाने के लिए गंभीर चर्चा नहीं कर सकी। बता दें कि उनके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने की चर्चा तभी से शुरू हो गई थी जब उन्होंने ममता बनर्जी को धन्यवाद देते हुए पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया। आज भाजपा ने भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। हालांकि अभी कोई नाम सामने नहीं आया है। इससे पहले एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद पर एक राय बनाने के लिए राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा को विपक्ष से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि सत्ता और विपक्ष में इस पर एक राय नहीं बन पाई। जेडीयू का भी मिलेगा समर्थन?जानकारों का कहना है कि यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर इसलिए लगाई गई क्योंकि विपक्ष जिनका नाम प्रस्तावित करता था, वे इनकार कर रहे थे। ऐसे में किसी ऐसे चेहरे की जरूरत थी जो कि तैयार भी हो और उसपर विवाद भी न हो। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि यशवंत सिन्हा का समर्थन जेडीयू भी कर सकती है क्योंकि वह बिहार से आते हैं। दो बार ऐसा हो चुका है कि नीतीश कुमार ने लीक से हटकर उम्मीदवार का समर्थन किया है। एनडीए का हिस्सा होते हुए भी उन्होंने प्रणव मुखर्जी का समर्थन किया था। वहीं बात करें पिछले चुनाव की तो उन्होंने रामनाथ कोविंद का समर्थन किया जबकि वह उस समय महागठबंधन का हिस्सा थे।
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