उत्तर प्रदेश: वायरल बुखार व अन्य बीमारियों के चलते यूपी के प्रयागराज में 171 बच्चे अस्पताल में भर्ती

उत्तर प्रदेश - वायरल बुखार व अन्य बीमारियों के चलते यूपी के प्रयागराज में 171 बच्चे अस्पताल में भर्ती
| Updated on: 05-Sep-2021 05:51 PM IST
लखनऊ: प्रदेश के ब्रज क्षेत्र से शुरू हुआ वायरल फीवर तथा डेंगू का कहर प्रदेश के लगभग हर जिले को अपनी चपेट में ले रहा है। बरसात के मौसम तथा बरसात खत्म होने के बाद फैलने वाली बीमारी पर नियंत्रण करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के 75 जिलों में आइएएस अफसरों को नोडल अधिकारी बनाकर भेजा गया है। यह रोग नियंत्रण की कार्रवाई पर नजर रखेंगे।

उत्तर प्रदेश में फीरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा, जालाौन व कानपुर के साथ ही अब वायरल फीवर के साथ डेंगू का कहर सीतापुर के साथ ही प्रयागराज में भी बढ़ा है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भी रविवार को डेंगू के 27 मरीज भर्ती हुए हैं जबकि फिरोजाबाद के मरीज की मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई है। यहां के डेंगू स्पेशल वार्ड में सभी का इलाज चल रहा है। फिरोजाबाद में बीते 24 घंटे में डेंगू से पीडि़त एक ने दम तोड़ा है। अब यहां पर डेंगू व वायरल बुखार से मरने वालों की संख्या कुल 51 हो गई है।

सीतापुर में भी रविवार को 50 से अधिक लोग सरकारी अस्पताल में भर्ती हुए हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस एके अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष सीतापुर में डेंगू की तुलना में मलेरिया के अधिक मामले हैं। हमारा मेडिकल वार्ड लगभग भर चुका है। हम हर दिन सीएमओ को अपडेट कर रहे हैं और उचित कार्रवाई की जा रही है। आज भी पचास बीमार को भर्ती किया गया है।

जिला अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी डॉ. गौरव मिश्रा ने बताया कि हम बुखार से पीडि़त बच्चों सहित बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हमारे पास कभी-कभी तो बेड कम पड़ जा रहे हैं। मामले मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र के हैं। भर्ती होने वाले सभी लोगों में सामान्य बुखार लक्षण है लेकिन कारण अलग हो सकता है। हम डेंगू व मलेरिया के साथ वायरल फीवर का इलाज कर रहे हैं।

प्रयागराज में भी बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं। सीएमओ प्रयागराज ने बताया कि मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में बच्चों के अस्पताल में 120 बेड हैं, लेकिन वहां हमेशा बेड की संख्या से ज्यादा मरीज आते हैं। दो दिन पहले तक 171 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया जाता था, तो कभी हर बेड पर 2-3 बच्चे भर्ती होते थे। अब भी यही स्थिति है। यहां पर अब तो बच्चों के लिए 200 बेड का वार्ड जल्द बन रहा है।

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