बच्चों पर कोरोना का खतरा: बीते सात दिनों में नोएडा में 44 बच्चे हुए संक्रमित, 16 की उम्र 18 साल से कम

बच्चों पर कोरोना का खतरा - बीते सात दिनों में नोएडा में 44 बच्चे हुए संक्रमित, 16 की उम्र 18 साल से कम
| Updated on: 15-Apr-2022 11:59 AM IST
दिल्ली समेत गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गुरुग्राम आदि शहरों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें भी खास ये है कि इसकी चपेट में बच्चे सबसे ज्यादा आ रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ ने जानकारी दी है कि बीते सात दिनों में जिले में 44 बच्चे कोरोना संक्रमित हुए हैं।

सीएमओ ने बताया कि 44 संक्रमित बच्चों में से 16 ऐसे हैं जो 18 साल से कम उम्र के हैं। वहीं अब नोएडा में सक्रिय मरीजों की संख्या 167 पहुंच गई है। इस तरह अगर कुल संक्रमित बच्चों का प्रतिशत देखा जाए तो यह 26.3 प्रतिशत है।

गुरुवार की रिपोर्ट में 15 बच्चों सहित कोरोना से 44 लोग संक्रमित

गौतमबुद्ध नगर में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को स्वास्थ्य की विभाग की रिपोर्ट में 44 नए मामलों की पुष्टि हुई। इनमें 15 बच्चे शामिल हैं। पांच दिन में 40 से ज्यादा बच्चों को कोराना चपेट में ले चुका है। बीस से अधिक बच्चों का इलाज होम आइसोलेशन में ही चल रहा है। वहीं, मार्च में सक्रिय मरीजों की संख्या 50 से कम हो गई थी, लेकिन गुरुवार को यह संख्या 121 तक पहुंच गई।

राहत की बात यह है कि 24 घंटे में 13 लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं। जिले में अब तक 98787 मामले सामने आए हैं, जबकि 98176 इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। पांच से अधिक निजी स्कूलों में संक्रमण के कारण अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है।

जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे 68 नमूने

स्वास्थ्य विभाग ने 68 नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटरग्रेटिव बायोलॉजी में भेजे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट दो दिन दिन में मिलेगी। इससे कोरोना के वैरिएंट का पता चलेगा। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। स्कूल, सोसायटी, सेक्टर या किसी भी स्थान पर यदि किसी में लक्षण मिलते हैं तो उसकी सूचना 18004192211 पर दी जा सकती है।

1533 का हुआ टीकाकरण

गुरुवार को जिले के सरकारी अस्पतालों में 1533 लोगों का टीकाकरण हुआ। इसमें 12 से 14 साल के 397 किशोरों को पहली व 20 को दूसरी डोज दी गई। साथ ही, 15 से 17 साल के 53 किशोरों को पहली व 176 को दूसरी डोज दी गई। 18 से 59 साल के 138 लोगों ने पहली व 503 ने दूसरी डोज ली। वहीं, निजी अस्पतालों में 21 जगह 18-59 आयु वर्ग के 1277 लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई।

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