राजस्थान पुलिस: महिन्द्रा फाईनेंस से जाली दस्तावेजों से लोन दिलाकर कंपनी को लगाई 70 लाख की चपत, इनामी जालसाज गिरफ्तार

राजस्थान पुलिस - महिन्द्रा फाईनेंस से जाली दस्तावेजों से लोन दिलाकर कंपनी को लगाई 70 लाख की चपत, इनामी जालसाज गिरफ्तार
| Updated on: 02-Jul-2020 07:39 PM IST

जयपुर  महिन्द्रा फाईनेंस कंपनी से वाहनों की खरीदफरोख्त के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर लाखों रूपए का लोन दिलाकर कंपनी को 70 लाख रूपए की चपत लगाने वाले इनामी वांटेड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच टीम के स्पेशल यूनिट प्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर जितेंद्र गंगवानी के नेतृत्व में गठित टीम ने की। गिरफ्तार वांटेड पर एसओजी ने सात दिन पहले ही 10 हजार रूपए का इनाम घोषित किया था। उसके खिलाफ जयपुर शहर कमिश्नरेट के सांगानेर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें आरोपी फरार चल रहा था। 


पुलिस महानिदेशक (अपराध) बीएल सोनी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अमित शर्मा निवासी गांव रैणी, जिला अलवर का रहने वाला है। उसके खिलाफ पिछले साल सांगानेर थाने में महिन्द्रा फाईनेंस, जयपुर का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें आरोपी अमित शर्मा पर 30 चौपहिया वाहनों पर फर्जी तरीके से छद्म हस्ताक्षर, कूटरचित मोहर (सील) तथा जाली दस्तावेजों के आधार पर लाखों रूपये का लोन दिलाकर कम्पनी को करीब 70 लाख रूपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप था। इस मुकदमे में अमित शर्मा फरार चल रहा था।


इस प्रकरण में 13 लोग हो चुके है गिरफ्तार, प्रताप नगर में था इन शातिरों का ऑफिस

डीजी बीएल सोनी ने बताया कि कुछ समय पहले इस मुकदमे की तफ्तीश एसओजी, जयपुर को सौंपी गई थी। अभियुक्त को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 402, 406, 410, 411, 420, 463, 468, 469 एवं 120बी में गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण में अब तक 13 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अनुसंधान में सामने आया कि आरोपी अमित शर्मा महिन्द्रा फाईनेंशिय सर्विसेज लिमिटेड, प्रताप नगर जयपुर में बिजनेस एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत था। जिसने बिना मौके पर सत्यापन किये ही अभियुक्तों से मिलीभगत कर फर्जी आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र एवं इनकम टेक्स रिटर्न का गलत प्रमाणीकरण कर अभियुक्तों को 30 चैपहिया वाहनों पर ऋण स्वीकृत करवा दिये।


अब तक चार इनमी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है क्राइम ब्रांच

इसके बाद अभियुक्तों ने फर्जी एनओसी के आधार पर परिवहन कार्यालय से वाहनों का वित्त पोषण हटवाकर सभी वाहन अपने नाम ट्रांसफर करवा लिए जबकि कम्पनी ने एनओसी जारी करने वाले स्पेसीमैन हस्ताक्षर पहले से परिवहन कार्यालय में दिये हुए थे। इस तरह अमित व अन्य आरोपियों ने धोखाधड़ी कर रकम हड़पी। डीजी क्राइम बीएल सोनी के मुताबिक स्पेशल यूनिट द्वारा गत वर्ष भी जयपुर (पूर्व ) जिले के अलग-अलग थानों में वांछित चार ईनामी अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। इन पर कुल 15 हजार रूपये का ईनाम घोषित था। इसी प्रकार महानिरीक्षक जयपुर रेंज द्वारा घोषित 10 हजार रूपये के ईनामी एक अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया गया था।

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