चीनी एयरफोर्स राजस्थान सीमा के पास सक्रिय: तेल-गैस खोजने की आड़ में युद्धाभ्यास की तैयारी, पीओके के एयरबेस पर उतरे 78 चीनी विमान

चीनी एयरफोर्स राजस्थान सीमा के पास सक्रिय - तेल-गैस खोजने की आड़ में युद्धाभ्यास की तैयारी, पीओके के एयरबेस पर उतरे 78 चीनी विमान
| Updated on: 30-Jun-2020 07:03 AM IST

जोधपुर । गलवान घाटी में 15 जून की रात भारतीय सैनिकाें से खूनी संघर्ष के बाद चीन की पीएलए एयरफोर्स अब पाक से सटी राजस्थान सीमा के पास भी तेजी से सक्रिय हो गई है। यूं तो राजस्थान से सटी सीमा पर चीन करीब दाे दशक से तेल, गैस, कोयले की खोज और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की आड़ में सक्रिय है। मगर खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों यह सक्रियता बढ़ी है। यही नहीं, हवाई ताकत में कमजोर चीन अब पीएलए स्थित एयरबेस पर युद्धाभ्यास में जोर-शोर से जुट गया है।


हाल ही में स्कार्डू एयरबेस पर चीन के मिड एयर रिफ्यूलर आईएल 78 सहित कई लड़ाकू विमान देखे गए हैं। दरअसल, भारत के मुकाबले चीन की हवाई ताकत कमजोर है, क्योंकि हिमालय की चोटियों में चीन का काेई बड़ा एयरबेस नहीं है। इसके अलावा चीन की वायुसेना को अभी तक एक भी युद्ध लड़ने का अनुभव नहीं है। ऐसे में वो अपनी हवाई ताकत मजबूत करने के लिए युद्धाभ्यास में जुटा है।


चीन ने पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर कई बंकर भी बनाए हैं, हालांकि ये बंकर पाकिस्तानी सेनाओं के इस्तेमाल के लिए बनाए गए हैं। यही नहीं, चीन-पाकिस्तान इकाेनाॅमिक काॅरिडाेर (सीपीईसी या सीपेक) की वजह से 30 हजार से ज्यादा चीनी इंजीनियर्स व विशेषज्ञ यहां पहले से सक्रिय हैं। बाड़मेर के सामने जवाहर शाह, शामगढ़ से लगती सीमा पर सुई गैस फील्ड में भी चीनी कंपनियां काम कर रही हैं।


पाक की मिलिट्री ताकत चीनी कब्जे में, ये हैं बड़ी वजह

  • चीन अब तक पाकिस्तान के लिए सीमा चौकियां, वॉच टावर और 500 से भी ज्यादा बंकर तैयार कर चुका है।
  • सीमा चौकियों में बिजली न होने से चीन ने साेलर पैनल, सीसीटीवी, ड्राेन आदि लगाए हैं।
  • राजस्थान से सटे बॉर्डर के नजदीक 35 से ज्यादा चीनी कंपनियां तेल, गैस व कोयले की खोज में जुटी हैं। यहां अब तक 50 से ज्यादा तेल और गैस के कुएं भी खोदे जा चुके हैं।
  • चीन ने पाकिस्तान सीमा पर चार निजी एयरबेस बनाए हैं- कादनवाली, खाेखरापार, हैदराबाद क्षेत्र व मीट्ठी क्षेत्र।
  • ये चाराें नए एयरबेस चीनी कंपनियों के अफसरों व इंजीनियर्स के लिए तैयार किए गए हैं।
  • पाकिस्तान के कराची, क्वेटा,  जकोकाबाद, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर एयरफोर्स बेस का मॉडर्नाइजेशन चीन ने ही किया है।
  • पाक सेना के 75 फीसदी टैंक व 65 फीसदी हवाई जहाज चीन निर्मित हैं। पाकिस्तान अपने 69 फीसदी हथियार चीन से खरीदे हैं। गत 5 बरस में पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा हथियार खरीदार रहा है।

ये जानना भी जरूरी

  • पाकिस्तान की मिलिट्री पावर पूरी चीन के कब्जे में है, जो राजस्थान जैसी शांत सीमा पर खतरे की घंटी है।
  • ये एयरबेस तीन साल से भी ज्यादा समय से ऑपरेशनल हैं। ये इंटरनेशनल बॉर्डर से करीब 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
  • आतंकवाद पर भारत की घेराबंदी के बाद अमेरिका ने पाक से मुंह मोड़ लिया। अब पाक अपनी सेना के हथियारों के लिए पूरी तरह चीन पर निर्भर है।

इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में सक्रिय चीन

राजस्थान से सटी सीमा के सामने चीन इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में गत दो दशक से सक्रिय है। थार के रेगिस्तान की तरह चीन ने पाक में भी तेल, गैस व कोयले की खोज की है। इसकी आड़ में उसने पाक सेना की मदद की और इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाया। इंटेलीजेंस एक्सचेंज भी हो तो बड़ी बात नहीं है। 

- शेरसिंह, मेजर जनरल (रिटायर्ड) 



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