सूरत: अस्पताल में भर्ती पिता को टिफिन देने जा रहे मासूम को बीआरटीएस ने कुचला

सूरत - अस्पताल में भर्ती पिता को टिफिन देने जा रहे मासूम को बीआरटीएस ने कुचला
| Updated on: 10-Jul-2019 03:01 PM IST
सूरत. सिविल अस्पताल में भर्ती अपने पिता को खाना पहुंचाने जा रहे 8 साल के अर्पित को भटार रुपाली नहर के पास बीआरटीएस की बस ने टक्कर मार दी। दुर्घटना को देख ड्राइवर घटनास्थल पर ही बस छोड़कर भाग गया। लोगों ने घायल अर्पित को तत्काल सिविल अस्पताल पहुंचाया। वहां ट्राॅमा सेंटर की ओटी में डाॅक्टर ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उसकी माैत हो गई। इधर घटना स्थल पर लोग जमा हो गए और चक्का जाम कर दिया। 

लोगों को बमुश्किल समझाया

खटोदरा पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्हें लोगों को समझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने आखिरकार लोगों शांत कराया। शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराया गया। उसके बाद परिजनों को साैंप दिया गया। शाम को अर्पित का अंतिम संस्कार कर दिया गया। ड्राइवर ने बाद में पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया। गिरीश और उनकी पत्नी पहले से ही सिविल में थे। उनके चारों बच्चे घर पर थे। 

डॉक्टर ऑपरेशन कीे तैयारी में थे, थम गई सांसें 

अर्पित को सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। डॉक्टर तत्काल ऑपरेशन करने के लिए उसे ऑपरेशन थिएटर ले गए, लेकिन इसी बीच उसने दम तोड़ दिया। सिर पर गंभीर चोट लगी थी। अर्पित के शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोई मां, बोली- फोन पर मेरे लाल ने कहा था मां तुम्हारी बहुत याद आती है, कल मिलने आऊंगा।

बेटे की माैत से मां का रो-रोकर बुरा हाल था। वह ट्रॉमा के सामने स्ट्रेचर पर रखे अर्पित के शव से लिपटकर चित्कार मार रही थी। मां की यह हालत देखकर वहां माैजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। डॉक्टर भी अपने आपको नहीं रोक पाए। मां ने विलखते हुए बताया, अर्पित ने सोमवार शाम फोन कर मुझसे कहा था- मां आपकी बहुत याद आती है, कल सुबह ही मैं खाना लेकर आपके पास आऊंगा। मेरा लाल मुझ तक पहुंच भी नहीं पाया और मुझे तड़पता हुआ छोड़कर दुनिया से चला गया। यह कहकर मां सिसकने लगी। 

ड्राइवर ने कहा- बच्चा अचानक रूट पर आ गया

खटोदरा थाने के पीएसआई बीपी पटेल ने बताया कि ड्राइवर को पकड़ लिया है। उस पर रोड फैटल एक्सीडेंट का केस दर्ज किया है। बस ड्राइवर डिंडोली निवासी 38 वर्षीय वीरेंद्र रघुनाथ पांडेय ने पुलिस को बताया कि वह डिंडोली से यूनिवर्सिटी की तरफ जा रहा था। यूनिक हॉस्पिटल के आगे रूट के बाहर खड़े तीन बच्चों में से एक अचानक आगे आ गया। इससे बस कंट्रोल ही नहीं कर पाया। बच्चा रेलिंग के नीचे से घुसकर रूट में आया था। 

शव देख बिलख पड़ी मां 

अर्पित अंबानगर स्थित सरकारी स्कूल में कक्षा 4 में पढ़ता था। उसने मुझसे कहा था कि स्कूल दोपहर साढ़े 12 बजे का है। पापा को खाना देकर लाैटूंगा तो स्कूल जाऊंगा। पापा की तबीयत कई दिन से खराब थी। वह 2 जुलाई से ही सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें फेफड़े में इंफेक्शन और निमोनिया है। हम दो भाई, दो बहन हैं। अर्पित तीसरे नंबर का था। वह पापा को खाना देने अक्सर सिविल अस्पताल जाया करता था। मंगलवार सुबह 9 बजे खाना देने के लिए घर से सिविल अस्पताल के लिए निकला था। घर के सामने रुपाली नहर के बीआरटीएस स्टेशन जाने के लिए वह रूट पर लगे लोहे के बैरियर को क्राॅस कर रहा था। तभी बस आ गई और उसे टक्कर मार दी। टक्कर लगने से उसका सिर लोहे के बैरियर से टकरा गया। उसके सिर में चोट आई। लोगों ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया। फर्स्ट पर्सन अनुराग, अर्पित का बड़ा भाई

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