अवकाश पत्र: पढ़ा तो हंस—हंसकर हो जाएगा बुरा हाल, लड़की देखने के लिए कांस्टेबल और एसपी का पत्र संवाद

अवकाश पत्र - पढ़ा तो हंस—हंसकर हो जाएगा बुरा हाल, लड़की देखने के लिए कांस्टेबल और एसपी का पत्र संवाद
| Updated on: 04-Jul-2020 11:31 PM IST
इन दिनों कोरोना संकट के चलते छुट्टियों का अकाल हर विभाग में चल रहा है। ऐसे में एक पुलिस अधीक्षक और कांस्टेबल के बीच का पत्र संवाद (Letter bitween SP and Constable for leave) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र को हर कोई अपने जिले के एसपी का वर्णन करते हुए सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा है। यह पत्र सच में लिखा गया या नहीं, इसकी पुष्टि तो नहीं हो पा रही, लेकिन परिहास की नजर से इस संकटकाल में यह खुलकर हंसने को जरूर मजबूर करता है। हालांकि एसपी की ओर से दिए जवाब में सरकारी भर्तियों में ढिलाई के लिए एक टिप्पणी है जो यह साफ करता है कि पत्र केवल आनंद लेने के लिए वायरल किया जा रहा है। इस पत्र में कांस्टेबल की याचना और मनुहार का जिस अंदाज में एसपी की ओर से जवाब दिया  जा रहा है। वह पढ़कर आप हंस—हंसकर लोटपोट हुए बिना नहीं रह सकते। 


सेवा में ,

श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय

विषय:- शादी करने के लिए कन्या दर्शनार्थ अवकाश

महोदय,

श्रीमान जी जैसा कि आप जानते हैं कि शादी युगों युगों से चली आ रही एक ऐसी परम्परा है जिसके लिए एक पुरुष बहुत ही प्रफुल्लित होता है। महोदय, मेरे पिताजी ने मुझे दूरसंचार के माध्यम से सूचित किया कि वो मेरे लिए कन्या देखने जा रहें हैं, महोदय यद्यपि उन्होंने मुझे बुलाया तो नहीं परन्तु मेरी अभिलाषा है कि मैं भी कन्या को देख आऊं। महोदय जैसा कि आप जानते हैं कि हाल ही में शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है| महोदय इन परिणामों से पुलिस के लड़कों का क्रेज घट रहा है और महोदय पुलिस के लड़कों के शादी के रिश्ते न के बराबर आ रहें हैं। श्रीमान बड़ी ही मुश्किल से एक अच्छा रिश्ता मिला है। महोदय कन्या बहुत ही रूपवती, सुशील, गुणवती, विदुषी और ये टीवी सीरियल 'रिश्ता क्या कहलाता है' की अभिनेत्री के जैसी हैं। हे आदरणीय! मेरी विवाह की आयु भी अपनी अंतिम सीढ़ियों पर है।

महोदय मुझे 3 दिन अवकाश देने की कृपा करें। आप की महान कृपा होगी।


कांस्टेबल


😊एसपी सर का जवाब 😊


प्रिय विवाहोत्तुर आरक्षी।


आप की अभिलाषा से अवगत हुआ और आपके संशय से भी। विवाह युगों- युगों से निरन्तर चली आ रही परम्परा है और हमारे आस्तिक समाज में यह परम विश्वास है कि शादियाँ भगवान के यहां से ही तय रहती है, जहाँ होनी है वहीं होगी।

आप ऊपर के भगवान (परमपिता परमेश्वर) तथा नीचे के भगवान (अपने पिता) पर पूर्ण विश्वास रखिये, बिना आप के गए भी सब भला होगा। मुझ पर भी विश्वास रखिये कि शादी तय होने पर मैं आप के अवकाश प्रार्थना-पत्र को स्वीकृत करने पर विचार अवश्य करूंगा।

रही शिक्षक भर्ती के परिणाम घोषित होने की बात तो हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के रहते पास अभ्यर्थियों को मास्टरी मिलने में अभी वर्षों लगेंगे। अभी उनसे अधिक policeman की क्रेज है जो अभी कायम रहेगी।

आप का ऑफिसर होने के नाते एक और सलाह आपको दूँगा कि आप अभी-अभी अत्यन्त परिश्रम से ट्रेनिंग पूरी किये हैं तो थोड़ा आपके चेहरे मोहरे में उतार-चढ़ाव आ गया है, जो कन्या के दर्शनार्थ उचित नहीं है। मुझे यह आशंका है कि कहीं आपके दर्शनोपरांत कन्या आप के रिश्ते को बस्ते में न डाल दे।

अतः हे मेरे प्रिय आरक्षी! मैं आपके अवकाश प्रार्थना-पत्र को आपके हित में नामंजूर करता हूँ ताकि आपका रिश्ता संभवत: मंजूर हो सके।

जाइए मन लगा कर कोरोना के नए कंटेन्मेंट जोन में ड्यूटीरत होइए और शादी-शुदा लोगों के परिवार की रक्षा करिए।


आपका

पुलिस अधीक्षक

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