Syria-Lebanon Border: इजराइल के खिलाफ खुलेगा नया फ्रंट, अरब में आएगा पुतिन की चाल से प्रलय!

Syria-Lebanon Border - इजराइल के खिलाफ खुलेगा नया फ्रंट, अरब में आएगा पुतिन की चाल से प्रलय!
| Updated on: 06-Oct-2024 09:16 AM IST
Syria-Lebanon Border: इजराइल की हालिया एयर स्ट्राइक ने सीरिया-लेबनान बॉर्डर पर तनाव की एक नई लहर पैदा कर दी है, जिससे एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष का खतरा बढ़ गया है। इजराइल का यह हमला हिजबुल्लाह की हथियार सप्लाई लाइन को ध्वस्त करने के उद्देश्य से किया गया है, जिससे इस्लामी मिलिशिया को बड़ा नुकसान पहुंचा है। हिजबुल्लाह, जो लंबे समय से इजराइल के खिलाफ एक प्रमुख ताकत रही है, ईरान और सीरिया के समर्थन से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।

हिजबुल्लाह की सप्लाई लाइन पर हमला

इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने सीरिया-लेबनान सीमा पर भीषण बमबारी करते हुए मसना क्रॉसिंग को तबाह कर दिया। यह क्रॉसिंग हिजबुल्लाह के लिए सीरिया से ईरान के हथियारों की सप्लाई का मुख्य रूट था। इसके साथ ही, एक 2 किलोमीटर लंबी टनल को भी नष्ट कर दिया गया, जो हिजबुल्लाह की यूनिट-4400 के नियंत्रण में थी और हथियारों के गोदामों से भरी हुई थी। इस कार्रवाई के बाद हिजबुल्लाह के पास केवल तीन रूट बचे हैं, जो मुख्य मार्गों की तुलना में कमजोर हैं और बड़े पैमाने पर हथियारों की सप्लाई के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

रूस और ईरान की प्रतिक्रिया

इजराइल के इस हमले के बाद रूस और ईरान दोनों देशों ने नाराजगी जाहिर की है। मसना हाईवे, जिसे इजराइल ने नष्ट किया, रूस और ईरान के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। अब, माना जा रहा है कि रूस सीरिया की सीमा से हिजबुल्लाह के लड़ाकों को इजराइल के खिलाफ मोर्चे पर उतार सकता है, जिससे इजराइल को एक और फ्रंट पर लड़ना पड़ सकता है।

अरब क्षेत्र में युद्ध की आशंका

सीरिया पहले से ही कई अंतरराष्ट्रीय शक्तियों का केंद्र रहा है, और इजराइल का यह कदम क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है। रूस, ईरान, और चीन जैसे बड़े देश इजराइल के खिलाफ कड़ा रुख अपना सकते हैं। सीरिया में पहले से ही रूस का सैन्य गढ़, ईरानी IRGC के मुख्यालय, अमेरिकी बेस और कई प्रॉक्सी ताकतें मौजूद हैं। ऐसे में इजराइल के इस हमले ने अरब क्षेत्र में एक बड़े संघर्ष का खतरा और बढ़ा दिया है।

हिजबुल्लाह की जवाबी कार्रवाई

इस तनाव के बीच हिजबुल्लाह ने भी इजराइल के खिलाफ अपने हमले तेज कर दिए हैं। पिछले 24 घंटों में हिजबुल्लाह ने इजराइल पर 300 से ज्यादा रॉकेट दागे, जिससे गोलन हाइट्स और गैलिली में बड़े पैमाने पर आग लग गई। हालांकि, हिजबुल्लाह की सैन्य शक्ति कमजोर हो रही है, और उसकी हथियार सप्लाई रुकने के कारण उसकी स्थिति संकट में आ गई है।

निष्कर्ष

इजराइल की इस कार्रवाई ने मध्य पूर्व में पहले से ही जटिल भू-राजनीतिक स्थितियों को और अस्थिर कर दिया है। अगर रूस और ईरान खुलकर हिजबुल्लाह का समर्थन करते हैं, तो अरब क्षेत्र में एक महायुद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इजराइल के लिए यह एक बड़ा रणनीतिक कदम है, लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव गंभीर हो सकते हैं।

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